श्रीमद भागवत कथा का समापन , अरे द्वारे पालो कन्हैया से कहे दो , दर पे सुदामा गरीब आ गया ,,,,
कथावाचक पवन शास्त्री महाराज ने सुनाया कृष्ण सुदामा का प्रसंग ।
रायला निकटवर्ती ईरांस ग्राम पंचायत के माधोपुरा की ओर से आयोजित भागवत कथा का समापन हुआ। कथावाचक पवन शास्त्री महाराज ने इस मौके पर भगवान श्री कृष्ण सुदामा का प्रसंग सुनाते हुए मित्रता के बारे में विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सच्ची मित्रता में कोई गरीब या अमीर नहीं होता, मित्रता के लिए किसी भी प्रकार की दौलत की आवश्यकता नहीं होती। सुदामा दरिद्र होते हुए भी भगवान श्रीकृष्ण के मित्र थे। इस मौके पर उन्होंने जीवन में कर्म प्रधान होने की बात को जरूरी बताते हुए कहा सुदामा विद्वान था, अपनी विद्वता से वो धनार्जन कर सकता था लेकिन सुदामा ने विद्वता को कभी धन कमाने का साधन नही बनाया। इसलिए वो गरीब होते हुए भी अमीर था।
मित्रता के भाव सुन श्रद्धालु हुए भावुक कथावाचक ने कहा कि मित्रता कृष्ण सुदामा के जैसी सच्ची होनी चाहिए नहीं की दिखावटी। इस मौके पर कथावाचक ने भजनों से प्रभु की अतिकरूणा, कृपा वृष्टि की लीलाओं का बखान किया। कृष्ण-सुदामा की मनोहारी झांकी का सजीव चित्रण भी किया। इस मौके पर उपस्थित । श्रद्धालु भक्तिभाव के चलते भावक हो उठे।
वही राकेश शास्त्री ने श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिवस पर हवन कुंड बनाये गये । हवन कुंडो में 11 जोड़ो के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार कर आहुतियां दी गई । जिसके बाद प्रसाद वितरण किया गया ।