*भगवान महावीर जयंती महोत्सव 2023 भव्यता से मनाया*
✍️ *मोनू सुरेश छीपा*ब्यूरो चीफ*
*द वॉइस आफ राजस्थान*
सकल जैन समाज शाहपुरा के सभी साधर्मी बंधुओं ने 24 वे तीर्थंकर वर्तमान जिन शासन नायक भगवान महावीर स्वामी का 2622 वां जन्म कल्याणक महोत्सव दिनांक 26 मार्च से 3 अप्रैल 2023 तक धूमधाम से मनाया गया
जिसमे विभन्न कार्यक्रम आयोजित किए
दिनांक 26 मार्च से 31 मार्च तक विभिन्न मंदिर जी में विनतीयो का एवम्
दिनाक 1अप्रैल को माता त्रिशला- सिदार्थ बने आनंद कुमार सेठी व रेखा सेठी की हल्दी मेंहदी
महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर दिनांक 2 अप्रैल को माता त्रिशला- सिदार्थ की सेठी निवास से प्रारंभ होकर जैन भवन तक j भव्य जुलूस उसके पश्चात गोद भराई कार्यक्रम का आयोजन
हुआ।
दिनांक 03 अप्रैल सोमवार को भगवान महावीर जयंती के दिन सुबह प्रभात फेरी एवम श्री जी की भव्य शोभायात्रा जैन भवन से निकाली गई जिसमे
समाज के पुरुष वर्ग सफेद वस्त्र एवं सभी महिला अपने ड्रेस कोड लाल रंग की चुनड में , बालिकाएं अपनी पारंपरिक ड्रेस में भरपूर उत्साह एवम् आनंद के साथ शामिल हुए ,सम्पूर्ण कार्यक्रम को आयोजित करने में समाज की कार्यकारिणी,महिला मंडल, नवयुवक मंडल, बालिका मंडल का सहयोग रहा,
जुलूस में समाज के
पंकज गोधा,पीयूष गदिया, हिमांशु ,अशोक गदिया, आशीष सेठी, पीनू सेठी, संजय चौधरी, लोकेश पाटनी, नितिन जैन ,मोनू गदिया ,सीकर सेठी
मोनिका सेठी,नीलम जैन,सरिता जैन, रेखा चौधरी ,शारदा सोगानी कुसुम गदिया ,बिना पाटनी अनीता गदिया, अनीता गोदा, सरोज सोगानी, अंजना मोदी, सरोज मोदी ,निर्मला गदिया, मंजू देवी आदि सदस्य सम्मिलित हुए
महावीर जयंती के दिन क्या होता है? ओर क्यों मनाते हैं
महावीर जयंती को जैनियों द्वारा भगवान महावीर के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मदिन होता है. यह जैन धर्म के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है. इस पर्व को समाज के लोग बड़े उत्साह उमंग के साथ मनाते हैं वह तिथि जिस दिन जैन धर्म के 24वें एवं अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म हुआ था। महावीर स्वामी जन्म कल्याणक चैत्र शुक्ल त्रयोदशी (१३) को मनाया जाता है। यह पर्व जैन धर्म के २४वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक के उपलक्ष में मनाया जाता है।
महावीर का प्रतीक सिंह था। भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के अंतिम और 24 वें तीर्थंकर थे।
भारत में महावीर जयंती कैसे मनाई जाती है?
पूरे देश में जैन समुदाय महावीर स्वामी के जन्म का सम्मान करते हैं और बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं। रथ यात्रा नामक जुलूस में भगवान महावीर की मूर्ति को रथ पर ले जाया जाता है। रास्ते में धार्मिक छंदों का पाठ किया जाता है। भगवान महावीर की मूर्तियों का औपचारिक अभिषेक किया जाता है जिसे अभिषेक कहा जाता है।
महावीर जयंती का महत्व
जैन संप्रदाय के लोगों के लिए महावीर जयंती बहुत ही खास मानी जाती है। महावीर जयंती के दिन जैन धर्म के लोग प्रभात फेरी, अनुष्ठान और शोभायात्रा निकालते हैं। भगवान महावीर ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए मनुष्यों के लिए पांच नियम स्थापित किए, जिन्हें हम पंच सिद्धांत के नाम से जानते हैं। ये पांच सिद्धांत हैं- अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, सत्य और अपरिग्रह।
महावीर जयंती के दिन भगवान महावीर की पूजा की जाती है और उनके दिए गए उपदेशों को स्मरण करके उनके बताए गए सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया जाता है। साथ ही इस अवसर पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
श्रीजी की शोभायात्रा के पश्चात जैन भवन में सकल दिगंबर जैन समाज के सामूहिक वात्सल्य भोज का आयोजन हुआ
उक्त सभी कार्यक्रमो में सकल दिगंबर जैन समाज का प्रत्येक व्यक्ति हर्षोल्लास के साथ बढ़ चढ़कर भाग लिया एवम् भाग लेने वालो को पारितोषिक प्रदान किए गए