*नशा करके पेट को नहीं बनाए कचरा पात्र, जीवन को नशामुक्त रखने का ले संकल्प- अर्जुनराम महाराज*
*भगवान के प्रति सद्भावना व सदविचार रखने पर वह बनेगा हमारा सहायक*
*श्रीसिद्धेश्वर महिला मण्डल की ओर से आयोजित नानी बाई रो मायरा कथा का समापन मंगलवार को*
खबर का असर। मोनू सुरेश छीपा
भीलवाड़ा, 3 अप्रेल। तंबाकू, गुटखा जैसे किसी भी तरह के नशे से दूर रहे। नशा जीवन को बर्बाद करता है। तंबाकू, गुटखा थूकने से भी गदंगी होती है तो उसे पेट में पहुंचाने पर कितनी गंदगी होगी। ऐसे नशे की सामग्री खाकर पेट को कचरापात्र नहीं बनाए। हमेशा पवित्र व अच्छा खाना खाए। कोई तंबाकू, गुटखा आदि नशीले पदार्थ चोरी छुपे खाते हो तो भी भगवान के नाम पर आज ही छोड़ दे ओर संकल्प ले जीवन को नशा मुक्त रखेंगे। ये विचार आरसी व्यास कॉलोनी स्थित श्रीसिद्धेश्वर शिव मंदिर परिसर में श्री सिद्धेश्वर महिला मण्डल की ओर से आयोजित चार दिवसीय नानी बाई रो मायरो कथा के तीसरे दिन रविवार को व्यास पीठ से कथावाचक श्री अर्जुनराम महाराज (जोधपुर वाले) ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने विचारों व गीतों के माध्यम से भक्ति की ऐसी धारा प्रवाहित की जिसने श्रद्धालुओं को ईश्वर भक्ति के रस से भिगो दिया। उन्होंने नरसी मेहता की भक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि भगवान के प्रति हमेशा सद्भावना व उत्तम विचार रखे वह अवश्य हमारा सहायक बन हम संकट से दूर रखेगा। हमेशा भगवान का नाम सबसे आगे व उपर रखना चाहिए। जिसका नाम पत्रिका में उपर होता है उसकी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। महाराजश्री ने कहा कि नानी बाई रा मायरा के लिए नरसी के उपर भगवान का नाम होने से उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई। उन्होंने कहा कि कथावाचक अर्जुनरामजी महाराज ने भक्ति से ओतप्रोत माहौल में कथा वाचन करते हुए गौसेवा मानवसेवा करने की प्रेरणा भी प्रदान की। कथा के दौरान भगवान के जयकारे गूंजते रहे। कथा के शुरू में व्यास पीठ की पूजा की गई। आयोजन के दूसरे दिन की कथा समापन पर व्यास पीठ की आरती समित्रा दरगड़, संतरा सोनी, सुमित्रा झंवर, मंजू शर्मा, विमला चेचाणी, उर्मिला गग्गड़ की गई। चार दिवसीय आयोजन के अंतिम दिन मंगलवार को कथा दोपहर 2 से 5 बजे तक श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में होंगी। चार दिवसीय नानी बाई का मायरा कथा का आयोजन श्रीसिद्धेश्वर महिला मण्डल की ओर से किया गया है। महिला मण्डल की सदस्य ही पूरे आयोजन का संयोजन मिलकर कर रही है। कथा में सीताराम महिला मण्डल, संजय कॉलोनी महिला मण्डल, सुभाषनगर महिला मण्डल की सदस्य भी बढ़-चढ़कर सहभागिता निभा रही है।
*भगवान को भोग लगाने पर भोजन बन जाता महाप्रसाद*
कथावाचक अर्जुनरामजी महाराज ने भोजन करने से पूर्व भगवान का स्मरण करने का महत्व समझाते हुए कहा कि जब भी हमारी थाली में भोजन आए तब उसे ग्रहण करने से पूर्व हाथ जोड़ भगवान को भोग लगा अर्पित करे उसके बाद उसे ग्रहण करे इससे वह भोजन महाप्रसाद बन जाएगा। हम घर में खाए या बाहर जीमे भोजन करने से पूर्व भगवान को भोजन मंत्र पढ़ या स्मरण कर भोग अवश्य लगाए। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन हाथाजोड़ी एवं भागादौड़ी में ही बीत रहा है उसे सार्थक बनाए।
*भक्त भजनों पर जमकर थिरके*
नानी बाई का मायरा कथा के दूसरे दिन कथावाचक श्रीअर्जुनरामजी महाराज ने भगवान की भक्ति से ओतप्रोत गीतों व भजनों की प्रस्तुतियां दी। कुछ भजनों का ऐसा जादू छाया कि भजन शुरू होते ही भक्तगण अपनी जगह से उठ खड़े होकर थिरकने लगे। उनके द्वारा ‘नानी बाई रा मायरा में ठाकुरजी ने लाजे’ आदि भजनों की प्रस्तुति के दौरान भक्तगणों ने जमकर नृत्य किया।