*जैन आचार्य की हत्या के विरोध में मौन जुलूस*
*शाहपुरा रहा बंद*
*ज्ञापन देकर हत्याकांड की सीबीआई से जांच, फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई एवं दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की*
✍️ *मोनू सुरेश छीपा।द वॉइस आफ राजस्थान*
शाहपुरा-। कर्नाटक के नंदी पर्वत जैन तीर्थस्थल से जैन आचार्य का अपहरण कर उनकी निर्मम हत्या करने के विरोध में गुरुवार को शाहपुरा बंद रहा।
सकल जैन समाज के तत्वाधान में कई राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के लोगों ने जिनमें महिलाएं भी शामिल थी ने हाथों में पोस्टर, बैनर, अहिंसा के संदेश की तख्तियां लेकर मौन जुलूस निकाला। उपखंड कार्यालय पहुंचकर उपखंड अधिकारी पुनीत गेलड़ा को राष्ट्रपति, भारत सरकार व राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा।
जानकारी के अनुसार कर्नाटक में जैन संत की निर्मम हत्या को लेकर शाहपुरा दिगम्बर जैन, श्वेताम्बर जैन समाज के आव्हान पर शाहपुरा बंद का समर्थन करते हुए भाजपा नगरमंडल, नगर कांग्रेस सहित कई सामाजिक संगठनों व कई समाज के लोग नगर के मध्य स्थित जैन मंदिर पर जमा हुए। वहां से नगर के मुख्य मार्गो से लोगों ने बाजुओं पर काली पट्टी बांध कर मौन जुलूस निकाला। उपखण्ड कार्यालय पहुंचने पर जुलूस जनाक्रोश जनसभा में परिवर्तित हो गया। इस दौरान सभी संगठन के प्रतिनिधियों ने इस घटना की निंदा करते हुए अपने विचार रखें तथा दोषियों के खिलाफ संवैधानिक कार्यवाही की मांग करते हुए हत्याकांड की सीबीआई से जांच करवाने, फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई करने तथा दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग पर जोर दिया।
*बाजार बंद रहे:-* शाहपुरा सकल जैन समाज के बंद के आव्हान को लेकर गुरुवार को समस्त व्यापार संगठनों ने शाहपुरा बंद का समर्थन करते हुए सुबह से ही अपने प्रतिष्ठान बंद रखें और दिन में निकाले गए मौन जुलूस में शामिल हुए।
*जैन समाज की ओर से भारत सरकार के नाम यह दिया मांग पत्र*
1. इस हत्याकांड की CBI से उच्च स्तरीय जांच, फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई एवं दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने।
2. सर्वत्र पद विहार करने वाले जैन संतों व अन्य परागी संतों के विहार के समय मार्ग में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाये।
3. जैन संत रात्रिकालीन विहार नहीं करते हैं अतः जहाँ जैन समाज की उपलब्धता ना हो वहां रात्रिकालीन प्रवास हेतु मार्ग में पड़ने वाले रिक्त सरकारी भवन, सामुदायिक भवन व विद्यालय आदि समाज के अनुरोध पर सुरक्षा व्यवस्था के साथ उपलब्ध करवाये जायें तथा इस आशय का शासनादेश प्रसारित किया जाये।
4. जैन समुदाय पारसी समुदाय के बाद जनसांख्यिकी आंकड़ों के अनुसार भारत देश का दूसरा सबसे छोटा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है जिसके संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु सभी राज्य सरकार स्तर पर एक स्वतंत्र जैन श्रमण संस्कृति आयोग का गठन किया जाये।
5. समस्त भारतवर्ष के जैन तीथों, गन्दिरों, धर्मशालाओं, संस्थानों, पुरातत्व एवं संस्कृति के संरक्षण हेतु केन्द्र सरकार स्तर पर स्वतंत्र राष्ट्रीय जैन कल्याण आयोग का गठन किया जाये।
6. सभी जैन तीर्थों को कानूनी रूप से अविलंब मांस, मदिरा, शिकार, व्यसन व पर्यटन मुक्त पवित्र क्षेत्र घोषित किया जाये एवं इस आशय का शासनादेश प्रसारित किया जाये।
7. जैन मंदिरों के 100 मीटर के दायरे में मांस-मदिरा का सेवन कानूनी रूप से वर्जित हो एवं इस तरह की सामग्री के विकय पर रोक लगाई जाये।
8. जैन तीर्थों व मन्दिरों पर किए गये अनाधिकृत कब्जे हटवाये जायें एवं इस प्रकार के सभी मामलों का सक्षम स्तर पर शीघ्र निस्तारण किया जाये।