एक शाम खाटु श्याम के नाम…..
*बारिश के बीच सजा खाटू श्याम का दरबार*
*देर रात तक बही भजनों की सरिता*
*इत्र, पुष्प वर्षा से महक उठा परिसर*
*ठाकुरजी के लगाया छप्पनभोग*
*गगन भेदी फटाकों से गूंज उठा परिसर*
*भक्तों के आंखों से बही अश्रुधारा*
मोनू सुरेश छीपा।द वॉयस ऑफ राजस्थान
शाहपुरा- कॉलेज प्रांगण श्री श्याम मित्र मंडल,शाहपुरा के तत्वाधान में एक शाम खाटू श्याम के नाम हुई भजन संध्या मध्यरात्रि बाद तक (2.30) चलती रही। जिसमें शाहपुरा व आसपास क्षेत्र से सैंकड़ो लोग जमा हुए। भारी तादाद में वाहनों की आवाजाही व यातायात व्यवस्था को पुलिस ने व्यवस्थित बनाये रखा।
भजन संध्या का शुभारंभ खाटू श्याम के सजाये गए दरबार के सामने विधिवत जोत प्रज्वलित कर किया गया। कलाकारों का स्वागत कर सर्व प्रथम भजन कलाकार अखिलेश दाधीच ने गणपति वंदना से भजनों की शुरुआत की। तीन बाण के धारी, बाण चलाओं रे.. मुश्किल में है दास तुम्हारा जल्दी आओ रे……। आदि गाये भजनों पर श्रोताओं से खुब वा वाही बटोरी और उनके गाये भजनों पर श्रोता झूम उठे।
कलाकार अक्षी नागर ने बाह पकड़ ली दौड़, श्याम ने दिया सहारा है……, खाटू वाले का श्रंगार मन भावें…..। आदि भजनों की प्रस्तुतियां दी तो श्रोताओं की भीड़ बे-काबू हो गई और मंच की ओर दौड़ पड़ी। मंच इर्द गिर्द खड़े बाउंसरों ने मशक्कत कर भीड़ को काबू किया।
मध्य प्रदेश के मंदसौर से आई भजन कलाकार दो बहनों अधिष्ठा व अनुष्का भटनागर ने हारे के सहारे आजा, तेरा दास ये पुकारे आजा……, भजन की प्रस्तुतियां देकर भजन संध्या की फिजा ही बदल दी।
मैंने मोहन को बुलाया, वो आता होगा…..। इस भजन पर भटनागर बहनों की जगुल बंदी सुनकर हर कोई अपने आपको रोक नही पाया और खाटू के सजे दरबार के सामने झूमकर नाचने लगा। परिसर में उपस्थित युवक, युवतियां, महिला व पुरुष श्रोता भजनों की सरिता में बहने लगे। मद मस्त होकर झूमने लगे। लोग नही चाह कर भी नाचने को मजबूर हो गए।
*ठाकुरजी के लगाया छप्पनभोग:-* हरियाणा से आये कलाकारों ने कई ताजा फूलों, हरि पत्तियों से खाटु श्याम की झांकी बनाते हुए प्रतिमा पर मनमोहक श्रंगार किया और सजाया। आयोजकों ने 56 तरह के व्यंजन तैयार करवा छप्पनभोग की झांकी सजाई और ठाकुरजी के भोग लगाकर भक्तों में प्रसाद वितरण किया।
*इत्र, पुष्प वर्षा से महक उठा परिसर:-* कार्यक्रम के बीच में आयोजक सम्पूर्ण श्रद्धालुओं पर तोप से पुष्प वर्षा की। गुलाबजल में अलग अलग फ्लेवर के इत्र मिला कर इलेक्ट्रिक फव्वारों से श्रद्धालुओं पर छिटका गया तो सम्पूर्ण वातावरण खुशबू से महक उठा।
*गगन भेदी फटाकों से गूंज उठा परिसर:-* सजे तोरणद्वार व आकर्षक विधुत सजावट से सम्पूर्ण परिसर जगमगाती रोशनी से नहा रहे थे। इस बीच परिसर में की गई आतिशबाजी से सारा आसमान जगमगा उठा। वही गगन भेदी फटाकों की आवाज से भी सारा परिसर गूंज उठा।
*सने कीचड़ में भी नही रुके भक्तों के पैर, थिरकते रहे:-* कार्यक्रम शुरू होने से पूर्व हुई हल्की बारिश की फुआर को देख आयोजक कहने लगे इंद्रदेव खाटू श्याम के दरबार में छिड़काव लगाने आये है। लेकिन मेघ जमकर बरसने से सारा परिसर कीचड़ से सन गया। आनन फानन में नगर परिषद की मदद से आयोजकों ने सैंकड़ो कुर्सिया परिसर में बिछादी। लेकिन श्रोताओं का हौंसला व उत्साह देखते ही बन रहा था। भजनों के बीच बीच में इलेक्ट्रिक वाद्य यंत्रों की धुनों, पेड, ढोलक, तबले की थाप पर लोगों के पैर सने कीचड़ में भी नही रुके, थिरकते दिखे। लोगों ने अपने वस्त्रों के कीचड़ में भरने की परवाह किये बिना कीचड़ में लथपथ होते हुए भी फिसलते व झूमते दिखे।
*भक्तों के आंखों से बही अश्रुधारा:-* खाटू श्याम के सजे भव्य दरबार में हाजरी देने आए सैंकड़ो की तादाद में भक्त रो पड़े। कलाकारों द्वारा मार्मिक भजनों की प्रस्तुतियों पर युवक, युवतियां, महिला, पुरुष श्रद्धालू भावविभोर हो गए। उनके नयनों से भक्ति के अश्रु छलक कर बहने लगे। भक्तों को रोते देख अन्य श्रद्धालु स्वयं भावुक हो उठे।
अंत में आयोजनकर्ताओं सफल आयोजन को लेकर पुलिस, प्रशासन, नगर परिषद, विधुत विभाग, भामाशाहों, नगरवासियों सहित जागरण सभा में आनेवाले श्रद्धालुओं का आभार जताया।