संस्कार जीवन की अनमोल संपत्ति, सत्कर्मों से जीवन महकता है: पूरण चन्द्राकार
1100 पीत वस्त्रधारी महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली
✍️ *मोनू सुरेश छीपा।द वॉयस ऑफ राजस्थान*
शाहपुरा
अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में शाहपुरा में गायत्री परिवार की ओर से 24 कुंडीय राष्ट्र जागरण अभियान गायत्री महायज्ञ व संस्कार महोत्सव का शनिवार को शुभारंभ हुआ। पहले दिन महोत्सव की कलशयात्रा महलों का चौक से निकली, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए हथकरघा समिति परिसर पहुंची। शाहपुरा के बाजार में पुष्पवर्षा करके स्वागत किया। गायत्री परिवार की ओर से कलश यात्रा में विभिन्न झांकियां शामिल रहीं। कलश यात्रा के साथ ही 24 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत हो गई। शुभारंभ के मौके पर शांतिकुंज हरिद्वार से आईं टोली के प्रमुख पूरण चंद्राकार ने कहा कि संस्कार जीवन की अनमोल संपत्ति हैं। सत्कर्मों से जीवन महकता है। यह अभियान में नैतिक एवं सांस्कृतिक उत्थान सहित धरती पर स्वर्गिक वातावरण और इंसान के अंदर देवत्व की भावना को जागृत करना भी लक्ष्य है। इसके अंतर्गत नशा निवारण, दहेज प्रथा उन्मूलन, पौधरोपण, शिक्षा, संस्कार, नारी जागरण, स्वावलंबन, एकता और व्यक्तिगत पहचान के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं। गायत्री
मातृशक्तियों और देवकन्याओं ने हजारों दीप प्रज्वलित किए
साहित्य प्रदर्शनी का लिया लाभ… अखिल भारतीय गायत्री परिवार के तत्वावधान में विचार क्रांति साहित्य प्रदर्शनी का आयोजन किया। प्रदर्शनी में राम शर्मा द्वारा लिखी गई 3200 पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई। साथ ही स्टूडेंट्स को इन पुस्तकों का महत्व बताया। गायत्री परिवार जहाजपुर के बाबूलाल मीणा ने बताया कि मानव उत्थान के लिए बौद्धिक कायाकल्प जरूरी है।
परिवार भीलवाड़ा जिला समन्वयक सरोजना शर्मा ने कहा कि इंसान अपने जीवन में कोई भी शुभ कार्य संस्कार महोत्सव के बाद ही शुरू करते हैं। हथकरघा समिति परिसर में शांतिकुंज हरिद्वार से आई विशेष टोली ने संगीत के साथ विधान से देव मंच पूजन कराया। परिसर में गायत्री परिवार के साहित्य
एवं युग निर्माण प्रदर्शनी भी लगाई।
गायत्री परिवार ट्रस्ट शाहपुरा के अध्यक्ष दुर्गालाल जोशी की अगुवाई में कलश यात्रा मैं 1100 से ज्यादा पीत वस्त्रधारी महिलाओं ने कलश अपने सिर पर धारण किए थे। छात्र-छात्राओं द्वारा आकर्षक, शिक्षाप्रद झांकियां निकाली गई। इसमें भारत
हुआ।
यज्ञशाला प्रांगण में दीपयज्ञ का आयोजन देर शाम मातृशक्तियों और देवकन्याओं ने हजारों दीप प्रज्वलित किए। शांतिकुंज से टोली में आए प्रमुख पूरण चंद्राकार, सहायक प्रमुख देवेश शर्मा, संगीतकार सुनील बंशीधर, वाद्य कलाकार श्रवणकुमार, ओम शंकर का देवकन्याओं ने स्वागत किया। शांतिकुंज टोली के नेतृत्व में दीक्षा संस्कार, विद्यारंभ, पुंसवन संस्कार, उपनयन संस्कार आदि संपन्न होंगे। आचार्य वरण का पूजन व आरती की। शक्तिकलश का पूजन किया। दीप पूजन, गुरु पूजन, मां गायत्री का पूजन, सर्वतोभद्र का पूजन किया गया।
माता की झांकी ने सभी का मन मोह लिया। शक्तियों और आत्मीय परिजनों, देवकन्याओं ने गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र की लोक कल्याणनार्थ विशेष आहुतियां एक भगवान को समर्पित की। दीक्षा संस्कार, पुंसवन संस्कार के अलावा अन्य संस्कार भी हुए।
आज से होगा महायज्ञ
आयोजन स्थल पर रविवार प्रातः 6 बजे जप ज्ञान, प्रज्ञा योग. व्यायाम, देवपूजन व गायत्री यज्ञ, अपरान्ह 3 बजे कार्यकर्ता गोष्ठी, सांयकाल संगीत प्रवचन होगा। 11 दिसंबर सोमवार को प्रातः 6 बजे प्रज्ञा योग व्यायाम, गायत्री महायज्ञ, अखंड ज्योति, पाठक सम्मेलन, संगीत प्रवचन का कार्यक्रम होगा। 12 दिसंबर मंगलवार को महोत्सव का समापन होगा। चार दिवसीय कार्यक्रम में युग संगीत, प्रवचन, सामूहिक जप ध्यान, प्रज्ञा योग व्यायाम, देव पूजन, गायत्री महायज्ञ एवं पुंसवन संस्कार, नामकरण संस्कार, संस्कार, विद्यारंभ संस्कार, मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार, जन्मदिवस संस्कार, विवाह दिवस संस्कार तथा युग संगीत एवं प्रवचन, गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार होगें। समापन के समय युग संगीत, प्रवचन, दीप महायज्ञ, पूर्णाहुति एवं शांतिकुंज हरिद्वार टोली की विदाई होगी।