*श्री मद भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव का तीसरा दिन*
✍️ *मोनू नामदेव।द वॉयस ऑफ राजस्थान 9667171141*
शाहपुरा:-श्री मद भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के तीसरे दिन परम् पूज्य पण्डित श्री देवकिशन जी शास्त्री (कामधेनु बालाजी आश्रम) के मुखबिंद से ओजस्वी अमृतवाणी द्वारा आज भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह से जुड़ी कुछ खास बातें बताई
शिव-पार्वती का विवाह हिमालय के मंदाकिनी क्षेत्र के त्रियुगीनारायण में हुआ था. यह मंदिर, सोन, गंगा, और मंदाकिनी के संगम स्थल पर है.
कहा जाता है कि इसी जगह पर शिव-पार्वती ने अखंड ज्योति के सामने विवाह किया था.
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिव-पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए इस दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है.
शिव-पार्वती के विवाह से जुड़ी कुछ और बातेंः
शिवजी ने पार्वती से विवाह करने के लिए एक अनोखी बारात लाई थी. इस बारात में भूत-प्रेत और चुड़ैलें भी शामिल थीं.
शिवजी ने भस्म से श्रृंगार किया था और हड्डियों की माला पहनी थी.
बारात देखकर पार्वती की मां मैनावती डर गईं और उन्होंने विवाह से मना कर दिया था.
पार्वती ने शिवजी से कहा कि वे विवाह के रीति-रिवाजों के मुताबिक तैयार हो जाएं.
इसके बाद शिवजी को दैवीय जल से नहलाया गया और पुष्पों से तैयार किया गया और सत्ती चरित्र,ध्रुव चरित्र की जानकारी दी इस कथा में कथा करवाने वाले चंदा शर्मा,शोभित शर्मा,अंकित शर्मा,शिव शर्मा,संजय गोड़, रचना मिश्रा,धनराज खटीक और राजेन्द्र खटीक मौजूद रहे।