*भक्तो को जन्म देने वाले माता पिता धन्य हैं- मुनि श्री संबुध्द सागर*
✍️ *मोनू सुरेश छीपा*
*द वॉइस आफ राजस्थान*
दिगम्बर जैन मुनि सम्बुद्धसागरजी महाराज ने कहा कि जो संतों को साथ देता है किस्मत उसका साथ देती है। जो संतों के साथ चलता है, सौभाग्य उसके साथ चलता है। जीवन के सफर में जो समय संत-सान्निध्य में बीतता है, वही समय हर खुशी और हर उपलब्धि से जीवन को भरपूर कर देता है। मुनिश्री बिजयनगर से भीलवाड़ा की ओर जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि दिगंबर जैन मुनि एक शहर से दूसरे शहर में जाने के लिए कभी भी वाहन का प्रयोग नहीं करते हैं। पैदल-पैदल चलते हैं, वो भी बिना चप्पलों के। दिन में एक बार भोजन आशीर्वाद दिए ।
दूसरी बार पानी की एक बूंद भी नहीं लेते हैं – ऐसी कठोर साधना होती है जैन मुनि की । मुनिश्री सम्बुद्धसागरजी महाराज ने कहा कि भाग्यशाली होते हैं वे लोग जो मुनि के कदम से कदम मिलाकर चलते हैं। संतों का अवतार जिस धरती पर होता है। वो धरती तो होती ही है परंतु संतों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले भक्त जहां पैदा होते हैं वो माता- पिता वो परिवार भी सौभाग्यशाली होता है। मुनिश्री ने विहार के दौरान साथ में चलने वालों, शुद्ध भोजन करने वालों और व्यवस्था करने वालों ढेरो ढेरो आशीर्वाद दिए।