महलों के चौक से राजसी ठाठ से निकली गणगौर माता की सवारी
✍️ *मोनू सुरेश छीपा*
*द वॉइस आफ राजस्थान*
शाहपुरा भीलवाड़ा तीन शताब्दी से शाहपुरा रियासत काल से पौराणिक परंपराओं एवं रीति रिवाज के अनुसार पार्वती माता का स्वरूप गणगौर माता की सवारी आज शुक्रवार को विधि विधान से आरंभ हुई जानकारी के अनुसार बनेड़ा राज्य से जीत कर लाई हुई गणगौर माता की एवं बनेड़ा में शाहपुरा के ईसर जी की सवारी निकालने का विधान है आज चैत्र शुक्ल तृतीया को गणगौर के अवसर पर ऊंट घोड़े राजसी चिन्ह प्रतीक राजसी ठाठ गाजेबाजे के साथ गणगौर माता की सवारी पौराणिक परंपराओं के अनुसार भगवान शंकर पार्वती के जैकारे को लगाते हुए हजारों नगर वासियों के मध्य से पुष्प वर्षा के मध्य जीवंत झांकियों के साथ गणगौर माता की सवारी राज महल महलों के चौक से बालाजी की छतरी सदर बाजार त्रिमूर्ति चौराहा होते हुए नरसिंह द्वारा कुंड पर पहुंची जहां धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार ठाकुर और राजवंशों द्वारा आतिशबाजी के मध्य माता गणगौर की पूजा की गई और जीवंत झांकी वाले कलाकारों को पुरस्कृत किया गया पूजन और नृत्य के पश्चात गणगौर माता की सवारी विधि विधान के अनुसार वापस बालाजी की छतरीमहलों के चौक पहुंची