फ्री बिजली का वादा कर
कांग्रेस की गहलोत सरकार ने लगातार 15 बार सरचार्ज लगाकर जनता के साथ धोखा किया -वासुदेव देवनानी
मोनू सुरेश छीपा।द वॉइस आफ राजस्थान
भीलवाड़ा 18 मई
24×7 बिजली देने का वादा बिजली की दरें नही बढ़ाने सहित विभिन्न घोषणा कांग्रेस पूरी नहीं कर जनता के साथ धोखा किया
भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने भाजपा जिला संगठन द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट की अन्तर्कलह के कारण साढ़े चार साल से प्रदेश की आम जनता को राहत देने की बजाय दिव्यांग, बुजुर्ग, महिलाओ को कड़ी धूप में कई घण्टों तक कतार मे खड़ा कर प्रताड़ित करने का काम गहलोत सरकार कर रही है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने डायरेक्ट बेनिफिट योजना के माध्यम से लाभार्थियो के बैंक खातों में सब्सिडी पहुँचाई जा रही है।
‘महँगाई राहत कैम्प के माध्यम से कांग्रेस सरकार राजनीतिकरण करने का काम कर रहीं है। यह महंगाई राहत कैंप के बजाय महंगाई आहत कैंप का काम कर रहा है
भाजपा जिलाध्यक्ष लादू लाल तेली ने कहा कि कांग्रेस की गहलोत सरकार द्वारा बिजली के बिलों में लगातार बढ़ोतरी सरचार्ज के नाम पर आम जनता से खुली लूट सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर 19 मई को भीलवाड़ा जिले के सभी उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया जाएगा
इस प्रेस वार्ता मे भाजपा जिला अध्यक्ष लादू लाला तेली सांसद सुभाष बहेडिया भीलवाड़ा शहर विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी भाजपा जिला प्रवक्ता कैलाश सोनी साथ थे
पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि गहलोत सरकार ने 2022-23 के बजट में 100 यूनिट बिजली प्रतिमाह मुफ्त देने की घोषणा की थी, परन्तु 90 दिन से अधिक समय व्यतीत हो के बाद भी उपरोक्त घोषणा लागू नहीं हुई है।
राज्य सरकार ने 3 साल से फ्यूल सरचार्ज के नाम से 1 करोड 39 लाख घरेलू उपभोक्ताओ से हर माह वसूली की जा रही है। डिस्काॅम ने पिछले अप्रैल माह में 45 पैसे फ्यूल सरचार्ज लगाया और अब फिर मई माह में 52 पैसे प्रति यूनिट सरचार्ज लगाया जायेगा
कांग्रेस सरकार ने घोषणा की थी कि 5 वर्ष तक बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं करेंगे, परन्तु 6 बार से भी अधिक बिजली दरो में बढ़ोतरी की गई।
किसानों को दिन में बिजली देने का वादा बजट में राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2022 से लागू होनी थी। परन्तु आज दिन तक किसानों को सर्द रात मे ही बिजली 2 से 3 घण्टे दी गई।
केन्द्र सरकार की ‘‘कुसुम योजना’’ के तहत किसानो को सोलर पम्प दिये जाने थे, राज्य सरकार की उदासीनता के कारण किसानों को सोलर पम्प नहीं दिये गये।
उद्योगो को बिजली उपलब्ध नहीं हो रही है, जो हो भी रही है। उसमे भी जो रोटेशन निर्धारित किया गया था, उसमें भी कटौती की जा रही है।
राहत शिविरों में जो गारंटी दी जा रही है वह तो बजट घोषणा में शामिल थी, जिसे 01 अप्रैल से स्वतः ही लागू हो जाना चाहिए था,
कांग्रेस सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना जब 500 से बढ़ाकर 750 प्रतिमाह की, तब इसका पुनः पंजीकरण नहीं कराया गया और जब 750 से 1000 की तब इसका पुनः पंजीकरण क्यों कराया गया, ऐसे ही चिरंजीवी योजना में बीमा राशी 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख की गई तब इसका पुनः पंजीकरण नहीं कराया गया, इसी तरह निःशुल्क बिजली योजना मे कांग्रेस सरकार द्वारा किया गया।
पूर्ववती भाजपा सरकार में जो फ्यूल सरचार्ज 18 पैसे प्रति यूनिट हुआ करता था, वह कांग्रेस सरकार ने बढाकर 60 पैसे प्रति यूनिट औसतन कर दिया।
2018 में बिजली की प्रति यूनिट दरें 5 रूपए 55 पैसे हुआ करती थी वह अब बढ़ाकर 11 रूपए 90 पैसे कर दी गई है।
प्रदेश में प्रति माह 5 से 7 थर्मल पावर प्लांट बंद हो जाते हैं।
विंड एनर्जी और सोलर एनर्जी के मामले में भी जनता को पूरी बिजली नहीं मिल रही है
कोयला खरीद में व्याप्त घोटाले में कोयला कंटेनरों में 30 प्रतिशत कोयले की चोरी पकड़ी गई है, जिसमें औसतन एक कंटेनर में 10 लाख का कोयला होता है। प्रतिदिन 500 से 600 ट्रकों से कोयला चोरी किया जाता है।
गाँवो और शहरों में अघोषित बिजली कटौती से आम जनता भयंकर परेशान हो रही है
पेयजल संकट की स्थिति प्रदेश में बदतर है
क अन्य राज्यों के मुकाबले 40 प्रतिशत मंहगी बिजली उद्योगों को दी जा रही है। महंगी बिजली खरीद के बाद फिर कटौती का संकट उद्योगों को झेलना पड़ रहा है, प्रत्येक सप्ताह में शाम 7.00 बजे से सुबह 5.00 बजे तक रोटेशन के नाम पर बिजली कटौती की जा रही है।
इस प्रेस वार्ता मे जिला महामंत्री बाबू लाल टांक राजकुमार आंचलिया ललित अग्रवाल अजीत सिंह केसावत दिनेश सुथार मीनाक्षी नाथ थे