पायलट प्रोजेक्ट केे माध्यम से किसान प्रति हेक्टेयर रुई की पैदावार बढ़ाएं: पीएन शर्मा
भारत में पहली बार भीलवाड़ा में कपास में अभिनव प्रयोग, सांवरियाजी मंदिर पोटला में प्रशिक्षण आयोजित
भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) मोनु सुरेश छीपा राजस्थान प्रदेश के भीलवाड़ा चित्तौड़गढ़ एवं राजसमंद जिलों में भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कपास के पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 600 एक एक एकड़ के प्रदर्शन स्वीकृत हुए हैं। पीएन शर्मा पूर्व उपनिदेशक कृषि ने बताया कि इस परियोजना में किसानों को कपास में क्लोजर प्लांटिंग का लक्ष्य दिया गया है। पूर्व में किसान प्रति हेक्टर 12350 कपास के पौधे लगाता था अब प्रत्येक प्रदर्शन में 37000 पौधे लगाए जाएंगे। भारत सरकार का लक्ष्य है कि वर्तमान में 540 किलो रुई प्रति हेक्टेयर के औसत के स्थान पर 1000 किलो रूई प्रति हेक्टेयर पैदावार बढ़ाई जाए। इस परियोजना की शुरुआत सांवरिया जी मंदिर पोटला में प्रशिक्षण आयोजित कर कर किया। शर्मा ने प्रशिक्षण देते हुए बताया कि पहली बार भारत में कपास में माइकोराइजा जैविक फफूंद जो कि जड़ों को विकसित करती है फास्फोरस वह सूक्ष्म तत्वों को आसानी से उपलब्ध कराती है 5-5 प्रदर्शन लगाए जाएंगे। इसका गहन प्रशिक्षण दिया गया। कपास उत्पादन में लागत में कटौती करने के लिए शर्मा ने बताया कि अग्निहोत्र खेती के अंतर्गत ऊर्जा जल, संजीव जल एवं गोमूत्र प्लस छाछ के प्रयोग के 5-5 प्रदर्शन लगाए जाएंगे। यह प्रयोग केवल भीलवाड़ा परियोजना में ही शर्मा ने सम्मिलित किए हैं। इसका प्रशिक्षण दिया गया। इस बार मैपक्वेट क्लोराइड जोकि चमत्कार ब्रांड के नाम से पौध वृद्धि नियंत्रक आता है इसका प्रयोग करने से कपास में डी टॉपिंग नहीं करना पड़ेगा। इस बार इन प्रदर्शनों में प्रयोग किया जाएगा। सभी प्रसार कार्यकर्ताओं ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया। प्रशिक्षणार्थियों ने मिलकर सांवरिया मंदिर जी से सामूहिक प्रार्थना इस कार्यक्रम को सफल करने हेतु की।