*साल का अंतिम चंद्र ग्रहण*
*मन्दिरों के कपाट हुए बंद*
*शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया लगाया ठाकुरजी के खीर का भोग*
शाहपुरा:राजेन्द्र पाराशर। साल का अंतिम चन्द्र ग्रहण शनिवार को होने से क्षेत्र के सभी मंदिरों के द्वार दिन में ही बंद होगये।
अश्विनी नक्षत्र में खंड ग्रास आखरी चंद्रग्रहण के तहत सायं 4.05 बजे ही सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पहले ही शुरु हुआ। चंद्र ग्रहण की भारतीय समय से विरल छाया प्रवेश रात्रि 11:32 बजे शुरू होगी। ग्रहण स्पर्श 1:05 बजे, मध्य रात्रि 1. 44 बजे मोक्ष रात्रि 2. 23:00
बजे विरल छाया निर्गम रात्रि 3.56 भारत में दिखाई देगा। इसलिए ग्रहण से संबंधित वेध,सूतक, स्नान, दान पुण्य,कर्म यम नियम भारत में मान्य रहेगा। मंदिरों में गर्भगृह के कपाट बंद होने से श्रद्धालु मंदिरों में सत्संग करते नजर आए। मन्दिरों व देवालयों में सांध्यकालीन आरती भी नही हुई।
*शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया लगाया ठाकुरजी के खीर का भोग:* शरद पूर्णिमा को चन्द्रग्रहण होने से गोविन्ददेव, मथुराधीश मंदिर सहित शुक्रवार को ही नगर के कई मंदिरों व देवालयों में शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। महोत्सव के तहत मन्दिरों में रात्रि में कई भजन संध्या आयोजित हुई। शुक्रवार देर रात 12 बजते ही महाआरती के बाद खीर का मन्दिरों में प्रसाद वितरण किया गया।
कई मंदिरों में सांय 4 बजे से पहले खीर बना कर रख ली फिर उसमे कुशा (डाब) डाल कर रखते हुए चंद्रमा की शीतल छाया में रखा।
रात्रि 2:25 बजे बाद चंद्रमा की किरणों में रख देने के बाद 29 अक्टूबर को प्रातः 4 बजे मंदिरों में मंगला आरती के पश्चात ठाकुरजी के भोग लगाकर बाद भक्तों में प्रसाद वितरण किया जाएगा।