घर आएं बिना पार्सल हो रहा है रिटर्न, जालसाज कर रहे बेंक खाता साफ
राजस्थान
जालसाज आए दिन ठगी ठगी के लिए नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। जिसका फायदा उठाकर जालसाजों ने नकली वेबसाइट बनाकर लोगों से ठगी शुरू कर दी है। इसके अलावा कस्टमर केयर के जाली नंबर भी बना रहे हैं । पार्सल डिलीवरी, ऑर्डर को लेकर ज्यादातर ग्राहक कस्टमर केयर नंबर की सहायता लेते हैं। ऐसे में यह ठग नकली नंबर बनाते हैं और लोगों तक गलत जानकारी पहुंचा रहे हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें समय पर पार्सल डिलीवर न होने पर लोग कस्टमर केयर पर शिकायत दर्ज करवाते हैं। यहां उन्हें एक पीडीएफ़ और लिंक दिया जाता है, जिस पर क्लिक करने से जालसाजों तक उनकी निजी जानकारी, अकाउंट डिटेल्स पहुंच जाती है और वे ठगी का शिकार हो जाते हैं। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की
शक होने पर दर्ज कराई शिकायत
सी-स्कीम निवासी आलोक शर्मा ने बताया कि कुछ समय
पहले उन्होंने एक नामचीन साइट से कैमरा पार्ट ऑर्डर किए थे। डिलीवरी की तारीख के कई दिनों तक भी पार्सल नहीं आया। वेबसाइट पर चैक करने पर पता चला कि पार्सल रिटर्न के लिए जा चुका है, जबकि न तो वह पार्सल उनके घर पहुंचा न
.
उन्होंने उसे रिटर्न किया। इसकी शिकायत उन्होंने कस्टमर केयर पर की, जहां उन्हें यह
कहकर एक लिंक भेजा कि गलती से पार्सल रिटर्न में चला गया है। आप इस लिंक पर क्लिक करें वो दोबारा ऑर्डर हो जाएगा। शक होने पर उन्होंने साइबर क्राइम की शिकायत
दर्ज कराई।
लिंक क्लिक करने पर 15 हजार का हुआ नुकसान
वैशाली नगर निवासी मुस्कान गंभीर ने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर एक कम्पनी से कपडे ऑर्डर किए थे। समय पर नहीं पहुंचने पर कस्टमर केयर पर शिकायत की। उनके दिए हुए लिंक पर क्लिक करने से अकाउंट से 15 हजार रुपए निकाल लिए गए। जांच में पता चला कि साइट और कस्टमर केयर नंबर दोनों फर्जी थे।
2023 की रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष जून तक हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सात लाख शिकायत फर्जी लिंक, फर्जी कस्टमर केयर नंबर से जुड़ी हुई है। फ्यूचर क्राइम रिसर्च
फाउंडेशन की हाल ही आयी रिपोर्ट के अनुसार देश के 10 राज्य जहां से सबसे ज्यादा साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं, उनमें राजस्थान भी शामिल है।
आधिकारिक
वेबसाइट की पहचान करना सीखें
पहले केवल एक या दो नामी शॉपिंग हुआ करती थी, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ गई है। लोग अलग-अलग वेबसाइट
से खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं, जहां उन्हें बेहद ही कम दाम और लुभावने ऑफर मिलते हैं। इसी का फायदा ठग उठा रहे हैं। ऑरिजनल कम्पनी व उसकी आधिकारिक वेबसाइट आपको कभी भी न तो कोई लिंक भेजेगी और न ही फोन पर या मैसेज से किसी भी तरह के रुपए की मांग करेगी। कम्पनी स अपने ऑफिशियल पेज पर कई ऐसी जानकारी देती है, जिससे असली और नकली वेबसाइट्स की पहचान की जा सकती है।
– गजेंद्र शर्मा,
पुलिस निरीक्षक