*‼️चल गया मोदी के चेहरे का जादू! धरी रह गईं गहलोत की सारी गारंटियां‼️*😵💫
*✒️सुरेन्द्र चतुर्वेदी*
*राजस्थान में जो हुआ वह अप्रत्याशित तो नहीं मगर चौंकाने वाला ज़रूर था। आँधी आएगी पता था। बड़े बड़े बरगद गिरेंगे यह भी तय था मगर जनता की ख़ामोशी ने जो आवाज़ मत मशीन से निकाली वह प्रजातंत्र के लिए स्पष्ठ निर्देश थी। भाजपा ने फिर एक बार बरसों की परम्परा का निर्वाह किया। एक बार कांग्रेस दूसरी बार भाजपा की परिपाटी खरी उतरी।*🙋♂️
*प्रजातंत्र की इस आँधी में उन मंत्रिनुमा बरगदों को मिट्टी से मुलाक़ात करनी पड़ी जिनको यह गर्व था कि वे अपराजेय हैं। कांग्रेस की हार अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सिर्फ़ लंबी लड़ाई का ही परिणाम नहीं था बल्कि यह निर्णय था उन भ्रष्ट मंत्रियों के काले कार्यकाल के जिसने आम जनता को नों नों आँसू रुलाए। गहलोत बेचारे अपने संख्या बल को बचाने के लिए मंत्रियों की हाथ की कठपुतली बने रहे । निकम्मे मंत्री रावण की मुद्रा में हुंकार भरते रहे और अंत मे जनता ने उनको छठी का दूध याद दिला दिया। 25 मे से 17 मंत्री चुनाव हार गए।*🥹
*अब समय नया इतिहास लिखने जा रहा है।मुख्यमंत्री कौन होगा ❓यह भाजपा हाईकमान तय करेगा।यहाँ भी उखाड़ पछाड़ के कई दृश्य देखने को मिलेंगे। वसुंधरा और नए चेहरों के बीच आर पार का युद्ध अभी बाक़ी है।*😆
*वर्तमान विधानसभा में नेता व उप नेता प्रतिपक्ष की हार से भाजपा के सभी जीते हुए प्रत्याशी ये मान गये है की उनकी जीत मे सबसे बडा योगदान नरेंद्र मोदी जी के जादू का है, और संघ के समर्पित पदाधिकारियो के सतत प्रयासों का है।*👍
*अब अगर बात करें, अजमेर ज़िले की !!! तो भाजपा यहां की आठों विधानसभा सीटो पर काबिज हो सकती थी, सिर्फ विकास चौधरी को टिकट देने के स्थान पर भागीरथ चौधरी को टिकट देकर भाजपा नें किशनगढ़ की सीट को खाम- खाव्ह खोकर स्कोर को 7-1 कर लिया ।*🫢
*सबसे बड़ी जीत रही अजमेर दक्षिंण की युवा, जुझारु, समर्पित नेता अनिता भदेल की, वह पांचवी बार विधायक चुनी गई हैं।उनका जीतना तो तय ही था। मै पहले दिन से ही उनकी जीत को लेकर आश्वासत था। मगर वासुदेव देवनानी का जीतना ज़रूर चमत्कारिक रहा।*😇
*अजमेर उत्तर से वासुदेव देवनानी की जीत को लेकर लोग विस्मय में हैं। देवनानी जी के जगह जगह जो रहे विरोध को देखते हुए उनकी जीत के प्रति कम से कम मैं किसी भी तरह आस्वस्त नहीं था। बाग़ी उम्मीदवार ज्ञान सारस्वत और कुंदन वैष्णव के मैदान में डटे रहने से भी सभी लोग देवनानी जी की जीत को लेकर असमंजस मे ही थे।मेरी नज़र मे उनकी जीत के पीछे निश्चित रूप से दो कारण रहे। पहला तो यही कि कांग्रेस के उम्मीदवार महेन्द्र सिंह रलावता अतिरिक्त उत्साह में थे। जीतना तय मान कर उन्होंने अपने प्रयासों को विराम दे दिया था।रालावता की सोच थी कि जैसे ज्ञान सारस्वत ही उनको चुनाव जितवा देंगे। दूसरी वज़ह यह रही कि आर एस एस के कार्यकर्ताओं के चुनाव मे पूरी लगन से जुटने के कारण सनातन का मुद्दा मतदाताओं में सर चढ़ कर बोल गया।*👍
*देवनानी ने कड़ी चुनौती को न केवल स्वीकार किया बल्कि अपने स्वयं के संगठन कौशल व संघ के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की जी तोड मेहनत के बल पर विजय श्री का वरण एक सच्चे कर्मयोगी के रूप मे किया।*🙋♂️
*पुष्कर व केकडी में सुरेश रावत व शत्रुघन गौतम की मेहनत व योगी आदित्य्नाथ की उनके समर्थन में की गई सभा उनकी जीत को सुनिश्चित कर गई। ख़ास तौर से केकड़ी में राजऋषि रघु शर्मा की हार के पीछे उनका कालिख़पुता कार्यकाल रहा। उनके पूरे कार्यकाल में इतनी कहानियां रोज़ ख़बरों में रहीं कि आम जनता उनको खलनायक समझने लगी थी। रही सही कसर उनके इकलौते पुत्र सागर ने हिलोरे मार कर निकाल दी।*😯
*नसीराबाद मे रामस्वरूप लाम्बा की निर्विवाद छवी,उनकी सर्व उप्लब्ध्ता और जाटों की एकजुटता, और शिवराज सिंह पलाडा का मैदान मे रहना उनकी जीत सुनिश्चित कर गया।*🤷♂️
*मसूदा मे वाजिद खान चीता ने बहुत अच्छा मुकाबला किया लेकिन मतो का बहु दिशा मे विखंडन और भाजपा प्रत्याशी वीरेन्द्र सिंह कानावत की बेदाग छवि के चलते कानावत जी विजयी रहे।*💁♂️
*ब्यावर मे शंकर सिंह रावत का अनुभव और ग्रामीण मतदाताओं पर उनकी बेजोड़ पकड ही पारस जैन से विजयी होने का कारण रही ।*💯
*अब बात किशनगढ़ की तो मै पहले ही कह चुका हुँ की यह भाजपा के आलाकमान द्वारा भागीरथ चौधरी को टिकट देने के परिणामस्वरूप विकास चौधरी को शहीद का दर्जा मिलने व समस्त जाटो द्वारा एकमुस्त विकास को वोट कर देने के कारण ही विकास चौधरी की जीत हुई और ये ही अप्रत्याशित रूप से सुरेश टाक की हार का भी कारण रहा ।*👍
*एक बार पुन: भाजपा को सरकार बनाने के लिये हार्दिक बधाई और सभी नव चयनित विधायक गणो को बधाई व शुभकामनाएं ।*🌹
*आज इतना ही , कल फिर मिलते हैं किसी नये मुद्दे पर। 🙋♂️*