*राजस्थान में भाजपा की जीत*
*भजन का जादू::भाजपा हुई मजबूत*
*कांग्रेस कार्ड फैल:: देखो बडा सबूत*
🌈🌈 *राजस्थान में हुये उप चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को पटखनी देकर 7 में से 5 सीटे जीतकर …कांग्रेस संगठन को सर्दी में भी गर्मी का अहसास दिला दिया है* । राजस्थान की राजनीति में पहले यह कयास लगाया जा रहा था की भजनलाल मुख्यमंत्री पद से हटाये जा सकते है । *लेकिन भजनलाल की मेहनत और उनकी बागियों पर चुनाव से पहले ही सम्पर्क साधकर मान मनुहार करने से भाजपा में बिखराव नहीं हो पाया । इसी का परिणाम रहा कि भाजपा में एकजुटता बनी रही । समय रहते बागियों को मनाना ही भजनलाल की सबसे बडी उपलब्धि रही …और उसका परिणाम जनता के सामने है ।* वहीं कांग्रेस में अंदरखाने आपसी गुटबाजी के चलते कांग्रेस को उपचुनाव में पटखनी खानी पडी । *कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के बडबोलेपन तथा चुनावी सभाओं में ….सुपर-डुपर के गाने पर मनोरंजन करना भी जनता को खुश नहीं कर पाया जबकि भजनलाल ने “भजन” रूपी विकास के मुद्दों को भुनाकर अपने जादू की चमक बिखेर कर पार्टी में अपना कद ऊंचा कर लिया ।* इस उपचुनाव में कांग्रेस की चुनावी रणनीति फैल रही है, और बडे नेताओं का प्रचार-प्रसार में नहीं आना , आपसी गुटबाजी के चलते प्रदेश के नेताओं का दिलचस्पी नहीं लेना भी कांग्रेस के लिए कमजोर कडी साबित हुवा है । *इन चुनावों में “”.एक है तो सैफ है “” का असर भी भाजपा के लिए कारगर साबित हुवा । इसका असर महाराष्ट्र के चुनाव में साफ देखने को मिला ।* पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजस्थान में अच्छा प्रर्दशन किया था । इसको लेकर कांग्रेस अतिउत्साही होकर रह गई थी ,लेकिन करीब 1 साल के अंदर पुन: भाजपा ने उपचुनाव में कांग्रेस को धराशायी कर दिया । *इतना ही नहीं भाजपा ने सबसे बडा कमाल तो यह किया कि हनुमान बेनीवाल व ओला परिवार के गढ़ में भी विजयी होकर इनकी प्रतिष्ठा को भी धुमिल कर दिया । लेकिन भाजपा के किरौडीलाल के भाई की हार से जरूर किरोड़ी लाल का रूतबा कम हुवा है ।* लोकसभा चुनाव में पिछडने के बाद भाजपा ने फिर उपचुनाव में अपनी गाडी को पटरी पर दौडा कर कांग्रेस के आत्मविश्वास को कमजोर करके रख दिया है । *उपचुनाव में हार के बाद , हो सकता है कांग्रेस संगठन में भी बदलाव होकर प्रदेशाध्यक्ष पद पर कोई नया चेहरा दिखाई दे सकता है ।* फिलहाल राजस्थान में *कांग्रेस के “हाथ ” की हालत पुराने पितल के बर्तन की तरह होकर रह गई है , जिसकी चमक अब फिकी होती दिखाई दे रही है । वहीं भाजपा का ” कमल ” इस समय खेतो में सरसों के फूल की तरह खिलकर अपनी सुनहरी चमक बिखेर रहा है ।* इस समय कांग्रेस की टांय-टांय फिस है तो भाजपा की बल्ले-बल्ले हो रही है । अब आनेवाला समय कांग्रेस के लिए कैसा रहेगा और संगठन में फेरबदल होगा या फिर नहीं ….? *नये साल में इस पर फोकस रहेगा ……।* बाकी , आगे आनेवाले नववर्ष में सबकुछ कैसा होगा और किसके लिए कैसा रहेगा ….. इसके आगे कि तो कांग्रेस व भाजपा का नेतृत्व ही जाने….या फिर… *राम ही जाने..🤷🏻♂️🤷🏻♂️ ।*