*जयपुर: बाड़मेर मेवाराम जैन पर पीड़िता के गंभीर आरोप, बोली- पूर्व MLA नाबालिगों का शौक रखता था*
*जयपुर:* बाड़मेर से कांग्रेस के पूर्व विधायक मेवाराम जैन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। क्योंकि जोधपुर के राजीव गांधी नगर थाने में पीड़िता ने सामूहिक बलात्कार के साथ नाबालिग सहेली से रेप का मामला दर्ज कराया है। वहीं मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी पर रोक को लेकर जैन ने राजस्थान हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसके बाद पूर्व विधायक मेवाराम जैन को गिरफ्तारी पर स्टे मिल गया है। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने यह आदेश दिया है।
*नाबालिग सहेली से बलात्कार का लगाया आरोप:*
आपको बता दें कि पीड़िता का आरोप है कि पांच साल पहले रामस्वरूप ने उसके साथ बलात्कार के बाद यौन शोषण किया था। वहीं दो साल पहले तत्कालीन विधायक ने उसके साथ बलात्कार किया था। आरोपियों ने उसकी उस समय नाबालिग सहेली से भी बलात्कार किया था। इतना ही नहीं आरोपियों ने पीड़िता की नाबालिग पुत्री से छेड़छाड़ भी की थी।
*इन लोगों पर दर्ज करवाया मुकदमा:*
पीड़ित महिला ने बाड़मेर के पूर्व विधायक सहित कई लोगों पर दुष्कर्म, प्रताड़ना जैसे कई बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व विधायक मेवाराम जैन सहित बाड़मेर नगर निगम के उपरभात सुरतान सिंह, आरपीएस आनंद राजपुरोहित, बाड़मेर कोतवाली थानाधिकारी गंगाम खावा, एसआई दाऊद खान, व्यापारी सोदा प्रशेण सेठिया और गोपालसिंह राजपुरोहित के खिलाफ महिला ने दुष्कर्म, पॉक्सो, प्रताड़ना सहित 18 धाराओं में केस दर्ज करवाया था।
*पूर्व विधायक को बच्चियों का शौक है- पीड़िता:*
महिला ने आरोप लगाया कि पूर्व विधायक को बच्चियों का शौक है। आरोपी ने उसकी नाबालिग सहेली के साथ भी जबरदस्ती दुष्कर्म किया है। कई बार उसने कम उम्र को बच्चियों को लाने के लिए कहा। महिला जब नहीं लायी तो वह महिला की दो नाबालिग बेटियों से अश्लील हरकतें करने लगा। महिला की गैर मौजूदगी में आरोपी मेवाराम और रामस्वरूप आते और उनकी बच्चियों को गोद में बैठाकर उनके अंगों को छूते।
*भंवरी देवी जैसा हाल कर देंगे:*
इसके बाद महिला को बेटियों के साथ हुई हरकत का पता चला तो इसका विरोध किया। इसके बावजूद भी आरोपी नहीं माने और फिर बच्चियों के सामने ही जबरदस्ती दुष्कर्म करते। धमकाया कि उनके वीडियो और फुटेज उनके पास हैं। यह तो विधायक है, इसलिए कुछ नहीं होगा। झूठा केस लगाकर भंवरी देवी जैसा हाल कर देंगे। इसके बाद आरोपी 15-16 साल की कई नाबालिगों को लाए और उनसे भी दुष्कर्म किया। महिला ने आरोप लगाया कि मेवाराम एवं आरोपियों ने उसके खिलाफ 30 अक्टूबर को झूठा केस दर्ज कराया। व्यापारी रामस्वरूप आचार्य ने भी ब्लैकमेल का केस दर्ज कराया। यह भी लिखवाया कि उन्होंने 50 लाख रुपए देने की बात भी कही है।
*प्राइवेट पार्ट में डालते डंडा:*
जब घटना हुई तब आरोपी मेवाराम विधायक था। महिला का आरोप है कि आरोपी अपनी बात मनवाने के लिए महिला, उसकी नाबालिग सहेली और उसके एक साथी को स्कार्पियो में उठाकर ले गए। यहां पुलिसकर्मियों ने महिला पुलिस को गैर मौजूदगी में नग्न करके दोनों को बेरहमी से पीटा। मारपीट के दौरान पुलिस कर्मी व अधिकारी प्राइवेट पार्ट्स में डंडा तक डाल देते थे। महिला के साथ मारपीट की और उसके साथी के पैर पर डंडा रख देते और फिर दोनों तरफ दो पुलिस कर्मी खड़े हो जाते और फिर उसे घुमाते थे। यह सब देखकर महिला और नाबालिग सहेली डर गए। इसके बाद भी जब उनकी बात नहीं मानी तो थानाधिकारी खाना ने गिरधरसिंह नामक व्यक्ति से डंडा मंगवाया और प्राइवेट पार्ट में डाल दिया। इस दौरान थानाधिकारी के साथ अन्य पुलिसकर्मी और आरोपी भी मौजूद होते थे।
*बंदूक तान वीडियो बनाया, बुलवाया- हम ब्लैकमेलर:*
महिला ने आरोप लगाया कि आरपीएस आनंद राजपुरोहित और धानाधिकारी गंगाराम खावा ने बंदूक तानी। पुलिसकर्मियों ने इतना टॉचर किया कि वे डर गई। इसके बाद जबरदस्ती वीडियो बनवाया कि वे उन्हें ब्लैकमेल कर रुपए ऐंठना चाहती हैं। साथ ही यह बीडियो भी बनाया कि वे नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं। मेवाराम जैन और रामस्वरूप को जानते नहीं हैं, हम ब्लैकमेलर हैं। साथी का वीडियो बनाया और कई खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाए। उसके बाद कुछ लोगों को बुलाकर हमारे फोटो खिंचवाए व बाद में उन्हें जैल में डाल दिया।
इसके बाद दुष्कर्म की घटना को दबाने के लिए झूठे मुकदमे और परिवाद दर्ज करवाए। अब तंग व परेशान किया जा रहा है व जान से मारने का प्रयास किया जा रहा है। गंगाराम खावा, आनंदसिंह, मेवाराम जैन व रामस्वरूप धमका रहे हैं कि इस दुष्कर्म कि घटना या उनके द्वारा दी गई प्रताड़ना, खाली कागजों पर करवाए हस्ताक्षर और वीडियो बनाने के बारे में किसी को बताया तो खत्म कर देंगे।
पीड़िता ने बताया कि इस जघन्य अपराध में बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम के प्रभाव के कारण गंगाराम खावा व कई सकर्मियों ने मेरे व मेरे गवाहों के साथ घोर अन्याय व अत्याचार किए। उनका पीछा कर उन पर निगरानी रखी जा रही है। इसलिए तत्काल मुकदमा दर्ज नहीं करवा सकीं और शोषण व अत्याचार को बर्दाश्त करती रहीं।