अनूठा आयोजन , अद्भुत सम्मान महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम महाराज का
महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी महाराज को 251 फीट की भगवा पगड़ी पहनाने को देखने के लिए उमड़े शहर वासी
मेवाड़ की सबसे विशालकाय पगड़ी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा
✍️ *मोनू सुरेश छीपा।द वॉयस ऑफ राजस्थान*
भीलवाड़ा 30 दिसंबर हरी सेवा उदासीन आश्रम में आज भव्य समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन महाराज को राजस्थानी जनमंच अध्यक्ष कैलाश सोनी के नेतृत्व में 251 फीट की लंबी डेट फीट चौड़ी भगवा पगड़ी को 36 जातियों के प्रतिनिधियों ,वरिष्ठजन प्रबुद्ध जनों महिलाओं युवतियों बच्चों युवा वर्ग द्वारा हाथ लगाकर मेवाड़ की आन बान और शान भगवा पगड़ी को लगभग आधे घंटे की कड़ी मेहनत के बाद पहनाया गया इस पगड़ी पर सिरपेज कलंगी सबको आकर्षित कर रही थी मेवाड़ की सबसे बड़ी पगड़ी को पहनने के बाद इसकी ऊंचाई लगभग 2.5 फीट और उसकी चौड़ाई लगभग 3 फीट की हो गई थी मेवाड़ क्षेत्र में पगड़ी को आन बान शान के रूप में देखा जाता है और मेवाड़ में पहली बार 251 फीट की विशालकाय पगड़ी को भीलवाड़ा शहर में बांधा गया है जब इस पगड़ी को लंबी की गई तो एक सिरा मंच पर तो दूसरा सिरा पंडाल से बाहर तक था इस पगड़ी की लंबाई देखकर सभी आश्चर्यचकित दंग रह गए
राजस्थानी जनमंच के अध्यक्ष कैलाश सोनी ने बताया कि महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन द्वारा सनातन संस्कृति के तहत हिंदूओ के 36 जाती को एक साथ एक सूत्र मे बांधने और भीलवाड़ा शहर में अमन चैन शांति के लिए सभी समुदाय को एक जुट कर शांति और सद्भावना के लिए विशेष प्रयास किया ओर भीलवाडा शहर मे शांति का माहौल बनाने का संदेश दिया साथ ही किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए सभी समुदाय जातियों के लिए हरीसेवा धाम आसाराम के दरवाजे हमेशा खुले रखें इस को लेकर राजस्थानी जनमंच अध्यक्ष कैलाश सोनी के नेतृत्व में महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन महाराज का 251 फीट की भगवा पगड़ी को दोपहर 12.15 बजे हरी सेवा धाम में बांधकर विशेष रूप से सम्मानित किया
इस 251 फीट पगड़ी को बांधने के लिए 20 वर्षों से लगातार पगड़ी बांध रहे सुरेंद्र सिंह चुंडावत जोगरास द्वारा पगड़ी को विशेष रूप से बांधी
इस दौरान राजस्थानी जनमंच के संरक्षक बाबूलाल टांक कन्हैया लाल स्वर्णकार शिव प्रकाश चन्नाल कमलेश भारती रोहित भरावा जय नारायण जोशी कालू पूर्वीया , हिमांशु खटीक देवेंद्र सिंह वेदांत सोनी सुशील साहू पंकज प्रजापत अनमोल वैष्णव कालू धोबी विनोद जाट किशन सेन सहित राजस्थानी जनमंच के कार्यकर्ता मौजूद थे