दड़ा पहुंचा गढ़ में, इस बार न अकाल न सुकाल, जमाना मध्यम रहा, अच्छी बरसात से किसानों को होगा फायदा।
राजेश शर्मा धनोप।
हर साल मकर संक्रांति पर धनोप गांव में होने वाला दड़ा महोत्सव में ग्रामीण दड़ा खेल के आधार पर निष्कर्ष निकालते हैं। बरसों से चल रहे आपसी मेल-मिलाप के प्रतीक इस खेल को देखने आसपास के तथा दूर दराज के गांवों से लाखों की तादाद में लोग जुटे। इस दौरान धनोप का सदर बाजार व बिजली बंद रहीं।
इस बार शनिवार को खेले दड़ा महोत्सव का नतीजा मध्यम रहा। दडा गढ़ चौक से नीचे हवाले की तरफ दो बार गया व कल्याण धणी मंदिर की तरफ एक बार गया। अंत में दड़ा गढ़ में ही गया जिससे मध्यम वर्ष का आकलन लगाया। इस बार ग्राम पंचायत की लापरवाही से खिलाड़ियों के पांव कंकर से चोटिल हुए। प्रशासन ने सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया। गढ़ चौक के बीचो-बीच कल्याण धणी को साक्षी मानते हुए ग्रामीणों द्वारा खेला जाने वाला यह खेल सद्भाव के साथ रोमांच, शौर्य व मनोरंजन का मेल भी है। धनोप का यह खेल आज भी दूरदराज तक चर्चित है। खेल शुरू होने से पूर्व महावीर पटेल द्वारा 7 किलो वजनी गेंद (दड़े) को गढ़ में से निकालकर चौक में लाया जाता है। शाहपुरा रियासत के पूर्व शासक सरदार सिंह व पालीवाल बोहरा के समय से यह महोत्सव हो रहा है। दड़ा खेल खेलने के बाद पालीवाल बोहरा की तरफ से आज भी सभी खिलाड़ियों को प्रसाद के रूप में अमल दी जाती है। ढाई घंटे तक लगातार खिलाडिय़ों को उत्साहित करने के लिए छत के ऊपर बैठे दर्शक ताने मार कर हौसले मजबूत करते रहे। अगर एक भी खिलाड़ी नीचे गिर जाता है तो कुछ खिलाड़ी खेल को छोड़कर उसकी कुशलक्षेम पूछ कर उसका हौसला बढ़ाते हुए फिर दड़े के ऊपर पिल पड़ते हैं।
*शक्तिपीठ धनोप माता का मानते हैं आशीर्वाद*
दड़े को अपनी ओर खींचने के लिए गांव के बच्चे से बुजुर्ग तक पूरी ताकत लगाते हैं। इस खेल को यहां के बाशिंदे शक्तिपीठ धनोप मां का वरदान मानते हैं।
*जय कल्याण धणी की रही गूंज*
दड़ा महोत्सव के दौरान ग्रामीणों में जबरदस्त जोश दिखाई दिया। इस दौरान नगाड़े के साथ ग्रामीण जय कल्याण धणी तथा जय धनोप माता के जयघोष के बीच ग्रामीणों के दोनों दल आमने-सामने धकेलना शुरू कर दड़ा महोत्सव खेल प्रारंभ किया। इस बार पुलिस जाब्ता अधिक था तथा पगड़ी पहनने वाले बुजुर्गो को की संख्या अधिक थी। इस पर गांव के ग्रामीणों का कहना है की यह खेल हमारे गांव की परंपरा है इसलिए हम इस खेल की परंपरा को नहीं तोड़ सकते।