Digital India: भारत में डिजिटल तकनीक के प्रोत्साहन से डिजिटल अर्थव्यवस्था का हो रहा विकास
✍️ *मोनू सुरेश छीपा*
*द वॉइस आफ राजस्थान*
केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान, जन धन योजना, UPI और डिजीलॉकर जैसे तमाम प्रयासों से देश में डिजिटल तकनीकी में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डिजिटल तकनीकी की दुनिया में आज 80 करोड़ भारतीय ऑनलाइन जुड़े हैं। वहीं 2025 तक 40 करोड़ और लोग डिजिटल दुनिया में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही डिजिटल अर्थव्यवस्था 2014 और 2019 के बीच अर्थव्यवस्था की तुलना में 2.4 गुना तेज गति से बढ़ी। इससे यह साफ हो रहा है कि भारत में डिजिटल क्षेत्र में आज तेजी से विकास हो रहा है और डिजिटल तकनीकी से भारत सहित विश्व के लाखों लोगों के जीवन में एक नया मोड़ आया है। दरअसल, भारत G20 अध्यक्षता के दौरान भी वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए G20 का एजेंडा
भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक में तीन प्राथमिकताओं पर फोकस किया गया है। इनमें डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल अर्थव्यवस्था में साइबर सुरक्षा और डिजिटल स्किलिंग पर चर्चा हुई। इस दौरान G20 प्रतिनिधियों ने भी समावेशी डिजिटल इकोनॉमी में और अधिक सुधार करने के लिए अपने विचार साझा किए। गौरतलब है कि डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक हाल ही में लखनऊ में संपन्न हुई है। इस दौरान भारत नें विदेशी प्रतिनिधियों को देश की डिजिटल तकनीकी से अवगत कराने के लिए एक डिजिटल प्रदर्शनी लगाई थी।
भारत की डिजिटल प्रदर्शनी पर 18,000 से अधिक लोगों का दौरा
भारत की डिजिटल यात्रा पर लखनऊ में लगी प्रदर्शनी पर 18,000 से अधिक लोगों ने दौरा किया। इस प्रदर्शनी में भारत ने जी20 के विदेशी प्रतिनिधियों को यह दिखाया कि कैसे डिजिटल इंडिया ने अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके भारत में एक अरब से अधिक आबादी के जीवन में बदलाव लाया है। भारत ने G20 डिजिटल इकोनॉमी ग्रुप की तीन दिवसीय बैठक के दौरान देश की विभिन्न डिजिटल पहलुओं से अवगत कराने के लिए लखनऊ में यह डिजिटल प्रदर्शनी लगाई थी। इसके अलावा प्रदर्शनी में भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा जैसे वित्तीय समावेशन, सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा, समावेशी शिक्षा और शिक्षा, आदि को प्रदर्शित किया गया था।
कोरोना महामारी के बाद से डिजिटल में नया मोड़
कोरोना महामारी के दौरान भारत ने डिजिटल की वजह से आपदा को अवसर में बदला है और डिजिटल तकनीकी ने लोगों की लाइफ में एक नया मोड़ लाया है। हालंकि, कोविड काल के दौरान भारत ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में UPI, UIDAI, दीक्षा, कोविन, ई संजीवनी, डिजिटल इंडिया अभियान और जन धन योजना जैसी कई योजनाओं ने लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाया है। आज तकनीकी के जरिए ही गांव या दूर-दराज में रहने वाले लोग भी देश-विदेश कहीं से भी ऑनलाइन सामान मगंवा रहे हैं और कोरोना में कोविन एप ने भी डिजिटली रुप से अहम भूमिका निभाई है।
डिजिटलाइजेशन की ओर भारत के बढ़ते कदम
भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने से बड़े बदलाव आए हैं। डिजिटल के कारण भारत में इंटरनेट की गति तेज होने से यूपीआई लेनदेन वित्त वर्ष 2022 में एक ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया है। इसके साथ ही भारत डिजिटल भुगतान में दुनिया में पहले स्थान पर है। BHIM-UPI का उपयोग भारत में ही नही बल्कि सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, नेपाल, फ्रांस में भी किया जाता है। आज 130 करोड़ भारतीयों को DBT के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में सरकार की ओर से लाभ मिलता है और 13 करोड़ किसानों के खातों में सालाना 6,000 रुपए पहुंचते हैं। देश में डिजिटल की इतनी बड़ी कल्पना नही की गई थी।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने बजट 2023-24 में डिजिटल विस्तार को लेकर कई घोषणाएं की है। इसमें युवाओं को सशक्त बनाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल इंडिया स्किल सेंटर खोलने, डिजिटल लाइब्रेरी और युवा कौशल प्रोग्राम 4.0 आदि है। इसके साथ ही डिजिटल क्षेत्र में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 5जी सेवाओं पर आधारित अनुप्रयोगों के लिए 100 प्रयोगशालाएं स्थापित करने की भी घोषणा की गई है। वहीं पीएम मोदी के विजन को पूरा करने के लिए डिजिटल स्किलिंग के क्षेत्र में भी भारत नैसकॉम के साथ फ्यूचर प्राइम स्किल्स के माध्यम से कौशल प्रदान कर रहा है। जबकि लोगों को डिजिटली सशक्त बनाने के लिए हाल ही में सरकार ने डिजिटल पेंमेंट उत्सव की शुरुआत की है।