RSS अब लोगो को देगा कमाई का जरिया, महिलाओं का होगा संघ में प्रवेश ,मुस्लिमो के खिलाफ वातावरण को बदलना, मथंन शुरू
नई दिल्ली/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अब समाज सेवा के साथ लोगों को कमाई का जरिया देने मुस्लिमों में सनकी के खिलाफ बनी विरोधी वातावरण को तोड़ने तथा संघ में महिलाओं का प्रवेश और संघ के बीते वर्षों के कामकाज की समीक्षा तथा आने वाले कामकाज को लेकर रणनीति और
राजस्थान सहित 11 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने को लेकर संघ की तीन दिवसीय बैठक कल से हरियाणा के पानीपत के समालखा गांव में शुरू हो चुकी है इस बैठक में शुरू होने के बाद किसी भी बाहरी व्यक्ति और मीडिया को कवरेज की अनुमति नहीं दी गई है ।
संघ की इस बैठक के कहीं प्रमुख बिंदु हैं जिनमें प्रमुख रूप से संघ मैं महिलाओं की भागीदारी अर्थात महिलाओं का प्रवेश और इस साल होने वाले राजस्थान सहित 11 राज्यों के विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के बारे में रणनीति बनाना तथा संघ के बीते वर्ष के कामकाज की तुलना और आने वाले वर्षों की कार्य योजना प्रमुख है ।
सूत्रों के अनुसार संघ आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले या राष्ट्रीय सेवक संघ के 2025 में हो रहे पूरे 100 साल के उपलक्ष यह शुरुआत महीने में महिलाओं की संगठन में भागीदारी और प्रवेश का ऐलान किया जा सकता है हालांकि वर्तमान में दुर्गा वाहिनी के नाम से महिला शाखा है लेकिन अब संघ में महिलाओं की अलग शाखाएं लगाने का फैसला भी इसी मंथन बैठक में लिया जा सकता है।
संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के संयुक्त सचिव डॉ मनमोहन वैद्य ने बैठक के पहले दिन के सबसे समापन के दौरान ही संकेत दिए थे की इस बैठक में महिलाओं को शाखा से जोड़ने पर विचार किया जा सकता है।
इसके तहत महिलाओं की शाखाएं अलग होगी या संगठन इस पर भी मंथन चल रहा है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में देश भर से 34 संगठनों के 1474 के करीब प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार संघ का लक्ष्य है कि अगले 1 साल में 100000 स्थानों तक पहुंचना और हर साल 100000 से अधिक लोगों को जोड़ना जिनमें विशेषकर युवा वर्ग और संघ अब तक सेवा की भूमिका में था ।
शिक्षित कर लोगों के जीवन स्तर को उठाने का काम तो संघ पहले से ही कर रहा था लेकिन अब लोगों को हुनरमंद बनाकर उन्हें कमाई का जरिया देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं और इसकी शुरुआत वर्तमान में हो रही मंथन बैठक की सभा स्थल समालखा गांव से ही होगी यहां सेवा साधन ग्राम केंद्र बनकर तैयार हो चुका है।
जहां एक स्किल सेंटर की तरह काम करेगा आसपास के लोगों को इसमें प्रवेश देखकर उन्हें कौशल था अर्थात कौशल किया जाएगा और फिर यह मॉडल हर राज्य में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय मुस्लिम मंच संघ के उम्मीदो पर कम खरा उतरा है हालांकि मुस्लिमों को जोड़ना संघ के लिए चुनौती भरा है इसलिए मंच से जितना काम हुआ उसे भी सकारात्मक माना जा रहा है।
लेकिन आगे के लिए क्या रणनीति हो ताकि देश का बौद्धिक तबका संघ को मुस्लिम विरोधी ना माने इस पर गंभीर मंथन होगा । संघ मुस्लिमो के खिलाफ होने की इमेज को तोड़ना तो नहीं चाहता पर इसे बदलना जरूर चाहता है इस पर भी मंथन होगा।
संघ की प्रतिनिधि सभा संघ की फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था होती है और इसके बैठक हर साल मार्च में होती है इस प्रतिनिधि सभा में संघ के कामकाज की समीक्षा की जाती है संघ से जुड़े संगठन जिन्हें संघ का अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधि भी इस बैठक में मौजूद होते हैं।
हर संगठन को करीब 3 से 4 मिनट का समय दिया जाता है बैठक में अलग-अलग प्रांतों से संघ का काम कैसा चल रहा है उस पर बात होती है और भविष्य के लिए लक्ष्य तय किए जाते हैं इस सभा में कुछ प्रस्ताव भी पास होते हैं आम तौर पर यह प्रस्ताव सामाजिक और राजनीतिक होते हैं।
इस बैठक में क्षेत्रों प्रांत प्रचारक के कामकाज की भी समीक्षा की जाती है सूत्रों के अनुसार इस बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव और 2023 -24 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने पर मंथन होगा और लोकसभा चुनाव के लिए कुछ ठोस स्लोगन भी बनाए जाएंगे।
संघ की स्थिति
सूत्रों के अनुसार संघ की रोजाना 42513 साल की लगती थी लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 68651 हो गई है हर सप्ताह संघ की 26877 बेटियां होती है और 10412 संघ मंडली है।
2020 की तुलना की जाए तो 6160 शाखाएं बड़ी है और बैठकर भी 32% बढ़कर 6543 हो गई है संघ मंडल में 20% की बढ़ोतरी हुई है दिल्ली के साथ-साथ देश के बड़े महानगरों में भी सप्ताह और महीने में परिवार शाखाएं लगती है जिनमें सभी सदस्य भाग लेते हैं