*बनेड़ा के प्रतिभाशाली दुष्यंत ने लगातार 11प्रतियोगिता परीक्षा पास अपना लोहा मनवाया*
बनेड़ा के 24 वर्षीय दुष्यंत डिडवानिया ने अस्टिटेंट प्रोफेसर पद पर सलेक्शन हुआ । गौरतलब है कि दुष्यंत लगातार सफलता के शिखर पर काबिज होकर 11सरकारी नौकरी मे सफलता पाई वाणिज्य विषय में पकड़ मजबूत होने की वजह से तीन तीन विषयों में (एबीएसटी,ईएएफएम ,व बीएडीएम ,)वो एक साथ एक रिकॉर्ड है जिन्होंने बनाया है दुष्यंत राजस्थान में सबसे कम उम्र के सहायक आचार्य (अस्टिटेंट प्रोफेसर) बने इनकी प्रारंभिक शिक्षा अक्षय स्मारक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बनेड़ा में हुई , कॉलेज एजुकेशन भीलवाड़ा माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय से हुई । बचपन में पिता मुलचंद डिडवानिया का साया अपने सिर से उठने के बाद महज 16साल की उम्र में मेहनत का कदम थामा उसके बाद एक के बाद एक सफलता के शिखर को पार करते रहे । दुष्यंत डिडवानिया के प्रोफेसर अस्टिटेंट पद पर सलेक्शन होने पर बनेड़ा वासियों में ,बड़ा हर्ष की अनुभूति हुई है ।
किसी भी लक्ष्य के प्रति दृढ़ निश्चय एवं सच्ची लगन से मेहनत की जाए तो सफलता निश्चित है और हुआ भी वही जज्बे के सामने उम्र मायने नहीं रखती है कुछ इसी बात को साकार किया है भीलवाड़ा जिले के बनेड़ा निवासी दुष्यन्त ड़िडवानिया पिता स्वर्गीय मूलचंद ड़िडवानिया ने ।दुष्यन्त ने राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा व साक्षात्कार में सफल होकर अपने पहले ही प्रयास में मात्र 24 वर्ष की आयु में सहायक आचार्य( असिस्टेंट प्रोफेसर ) बन गए हैं बड़े भाई राहुल ने बताया कि दुष्यन्त ने घर पर रहकर ही तैयारी की तथा इसे यह सफलता इसके जन्मदिन के अवसर पर ही मिली ये राजस्थान में सबसे कम उम्र में सहायक आचार्य बने हैं एक ही प्रयास में वाणिज्य संकाय के तीनों विषयों में सफलता हासिल कर कीर्तिमान रच दिया है इससे पूर्व इनका कनिष्क लेखाकार
वाणिज्यिक सहायक
पटवारी
ग्राम विकास अधिकारी
REET
M.phil
Net jrf
राजस्थान SET
सहायक सांख्यिकी अधिकारी
फर्स्ट ग्रेड स्कूल लेक्चरर
असिस्टेंट प्रोफेसर ABST
असिस्टेंट प्रोफेसर EAFM
असिस्टेंट प्रोफेसर BADM मे चयन हुआ है
दुष्यन्त ने बताया कि उनको यह प्रेरणा अपने पापा से मिलती है अपने पिता की असामयिक निधन के बाद भी ये बिखरे नहीं और अपनी कड़ी मेहनत और लगन से अपने पिता व भीलवाड़ा का नाम पूरे राजस्थान में रोशन कर दिया इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता बड़े भाई राहुल व गुरुजनों को दिया है इनकी माता डाली देवी ने बताया कि बेटे की इस सफलता से परिवार मित्र शुभचिंतक गौरवान्वित हो रहे हैं दुष्यन्त गरीब और शिक्षा से वंचितो तक शिक्षा पहुंचाना चाहते हैं वर्तमान में ये महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रतापगढ़ में सहायक सांख्यिकी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। दुष्यंत कल निम्बाहैडा में स्थित डॉ भीमराव अम्बेडकर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रोफेसर असिस्टेंट पद जॉइनिंग लेंगे।