*दरिद्रता दूर होगी करें शिव का अभिषेक*
द वॉइस आफ राजस्थान
गंगापुर (रिपोर्टर दिनेश लक्षकार) अधिक श्रावण मास एवं पुरूषोत्तम मास के पुनीत पर्व पर सहाड़ा चौराहा स्थित वृंदावन एक्जोविटा मे श्री मंशापूर्ण महादेव मंदिर प्रांगण मे टांक परिवार द्वारा आयोजित नव दिवसीय शिवपुराण कथा आचार्य रूद्रदेव त्रिपाठी जी ने कथा में अभिषेक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया मनुष्य को सभी प्रकार के सुख अभिषेक से प्राप्त हो जाते है। भगवान सदाशिव का अभिषेक जल से करने पर वर्षा होती है,कुशमिश्रित जल से रोग और दुखों से छुटकारा, दूध से पुत्र प्राप्ति, दही से पशुधन भवन एवं वाहन सुख, गन्ने के रस से लक्ष्मी की प्राप्ति, मधु से संपदा की प्राप्ति, तीर्थ के जल से मोक्ष की प्राप्ति, इत्र से बीमारी से मुक्ति, गंगाजल से ज्वर से मुक्ति, दूध और शक्कर मिले हुए जल से सुख समृद्धि की प्राप्ति, शुद्ध घी से वंश वृद्धि, सरसों के तेल से रोग एवं शत्रु का नाश, तथा शुद्ध शहद से अभिषेक करने पर समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। देवताओं ने भगवान शिव को प्रसन्न कर विवाह के लिए मनाया और भगवान शिव ने हिमाचल पुत्री पार्वती के साथ विवाह संपन्न किया।इस तरह कार्तिकेय का जन्म हुआ। माता पार्वती जी के शरीर के मल से श्री गणेश की उत्पत्ति हुई।कथा मे शिव विवाह का सजीव चित्रण सुंदर झांकी के माध्यम से किया गया।शिवजी की बारात आकर्षण का केन्द्र रही जिसे देखकर श्रोतागण आनंदित हो गए। सप्तऋषियों के कहने पर हिमाचल ने मेनावती से पार्वती को विदा करते समय पतिव्रत धर्म का उपदेश करते हुए कहा कि पतिव्रता स्त्री को सदैव अपने पति की आज्ञा का पालन करना चाहिए। दिनाकरण पराए घर में नहीं जाना चाहिए द्वार पर खड़े नहीं रहना चाहिए खुले बाल नहीं रखना चाहिए पति से ऊंची आवाज में नहीं बोलें, पति से पहले उठे एवं बाद में सोए,पति के भोजन करने के पश्चात भोजन करें पति पत्नी एक साथ एक ही थाली में भोजन ना करें इससे पति की आयु क्षीण होती है, सास ससुर जीएसटी जेठानी से से उनकी आवाज में बात ना करें सदैव बड़ों का सम्मान करें पति कैसा भी हो उसका त्याग ना करें बिना स्नान किया चुके में प्रवेश न करें। पतिव्रता स्त्री के सुंदर भजन के माध्यम से गुरुदेव ने श्रोताओं को मंत्र मुक्त कर दिया।