मुख्यमंत्री द्वारा न्यायपालिका के विरुद्ध दिए गए वक्तव्य के विरोध में अभिभाषक संघ ने दिया ज्ञापन
मोनू सुरेश छीपा। द वॉयस ऑफ राजस्थान
गंगापुर ( रिपोर्टर दिनेश लक्षकार ) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा न्यायपालिका के विरुद्ध जारी किए गए वक्तव्य को लेकर अभिभाषक संस्था गंगापुर के सदस्यों ने आज संस्था की बैठक बुलाई और उक्त वक्तव्य की घोर निंदा करते हुए राज्यपाल महोदय के नाम उपखंड अधिकारी राजेश सुवालका को ज्ञापन सौपा। साथ ही राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति के नाम एक ज्ञापन अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गंगापुर रविंद्र सिंह को भी दिया । जिसमे अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री गहलोत के व्यक्तव्य को गंभीर और अवमाननाकारक मानते हुए शर्मनाक बताया, जो कि लोकतांत्रिक अधिकारों की संरक्षक और आम जनता की व्यवस्था के प्रति विश्वास के आधार न्यायपालिका को अपमानित करने वाला है। मुख्यमंत्री का वक्तव्य राज्य कि भ्रष्टाचारी व्यवस्था और अनियंत्रित अपराधों पर लगाम लगाने में रही सरकार की असफलता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए न्यायपालिका और अधिवक्ता समुदाय को बदनाम करने का प्रयास मात्र बताया। अभिभाषक संस्था ने न्यायपालिका से इस संबंध में स्वतः संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री के विरुद्ध अवमानना कार्यवाही प्रारंभ करने की मांग की और साथ ही इस वक्तव्य के विरुद्ध अधिवक्ताओं के राज्यव्यापी आंदोलन में भी सक्रिय रहने की घोषणा की। इससे पूर्व ज्ञापन देने के लिए अधिवक्तागण संस्था अध्यक्ष रितेश सुराणा के नेतृत्व मेंअशोक गहलोत के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए उपखंड कार्यालय पहुंचे जिसमें पर्वत सिंह चुंडावत, राजेंद्र प्रसाद शर्मा, महेश दाधीच, अरविंद चौधरी, तखत सिंह राणावत, रामेश्वरलाल जाट, आनंदपाल सिंह, कल्याणमल कुम्हार, मदनलाल जीनगर, फतेह लाल लोहार, गणपत राणवा, सचिन मोगरा, हेमंत सुवालका, अमर सिंह, विद्यापुरी गोस्वामी, सुगना जाट आदि उपस्थित थे।