*मोदी हिंदू भी नहीं… PM के हिंदुत्व पर सवाल कर क्या लालू यादव ने विपक्ष की मुसीबत बढ़ा दी?*
*ये मोदी क्या है,* मोदी कोई चीज है क्या? अरे भाई तुम बताओ न… कि तुमको क्यों परिवार में… तुम हिंदू भी नहीं हो.’ पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान पर RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जो कुछ कहा, अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. रविवार को INDIA अलायंस की इस महारैली में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव भी पहुंचे थे. मंच से लालू ने पीएम मोदी पर निजी हमले शुरू कर दिए. उन्होंने मोदी के हिंदुत्व पर सवाल खड़े करते हुए हिंदू धर्म की एक प्राचीन प्रथा का पालन नहीं करने की बात कही. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या लालू ने पीएम के हिंदुत्व पर बोलकर विपक्ष की मुश्किलें बढ़ा दी हैं? आगे चलकर अगर लोकसभा चुनाव हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के एजेंडे पर आया तो विपक्ष की परेशानी बढ़ जाएगी क्योंकि भाजपा को इसमें बढ़त हासिल है.
पहले जानिए लालू ने क्या कहा
पटना रैली में लालू ने रविवार को कहा, ‘आपकी माता जी का जब देहावसान हो गया… हर हिंदू अपनी मां के निधन पर शोक में बाल-दाढ़ी बनवाता है. क्यों नहीं छिलवाया बताओ?’ लालू थोड़ा थके हुए दिख रहे थे. बीमार लग रहे थे लेकिन गरज के साथ जब बोलते तो तालियों का शोर बढ़ने लगता. भाजपा ने लालू के भाषण का एक हिस्सा शेयर करते हुए पलटवार किया है. बीजेपी ने लिखा, ‘हिंदू विरोध INDI एलायंस की घटिया राजनीति. हार सामने देख पीएम मोदी पर निजी हमले करने लगे.’ लोकसभा चुनाव से ठीक पहले NDA vs INDIA गठबंधन के समीकरणों को देखें तो लालू के विवादित बयान से उनकी ‘सामाजिक न्याय का पुरोधा’ वाली छवि भी धूमिल हो सकती है.
मोदी का हिंदुत्व
भाजपा खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में जानकारी रखने वाले लोग जानते हैं कि हिंदुत्व एजेंडा ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है. वह दिखावे से परहेज करते हैं. जब वह प्रधानमंत्री नहीं बने थे, तभी एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं देशभक्त हूं, राष्ट्रभक्त हूं. मैं जन्म से हिंदू हूं. इस तरह मैं हिंदू राष्ट्रवादी हूं. जब सेकुलरिज्म पर सवाल पूछे जाते हैं तो पीएम साफ कहते रहे हैं कि उनके लिए धर्मनिरपेक्षता इंडिया फर्स्ट है. पार्टी की फिलॉसफी रही है- सभी के लिए न्याय, तुष्टीकरण किसी का नहीं.
जब हिंदुओं से जोड़कर उनसे सवाल किए जाते तब वह कहते कि मैं हिंदू और मुसलमान को बांटने के पक्ष में नहीं हूं. वह लगातार 140 करोड़ देशवासियों की बातें करते हैं. ऐसे समय में जब अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद देश में राम लहर देखी जा रही है. एक बड़ा तबका मंदिर के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को क्रेडिट दे रहा है, लालू ने मोदी के हिंदुत्व पर हमला कर विपक्षी नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं. इससे फायदा कम नुकसान ज्यादा हो सकता है. हालांकि आरजेडी और दूसरे विपक्ष दलों का एक्स हैंडल कल की भीड़ को बदलाव की तैयारी के रूप में दिखा रहा है.
उधर, पीएम नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व और कामकाज के सहारे भाजपा तीसरी बार सत्ता में आने के लिए कॉन्फिडेंट दिख रही है. ऐसे में लालू के बयानों का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि पीएम मोदी की विचारधारा भले ही हिंदुत्व पर आधारित हो लेकिन वह हमेशा सर्वसमावेशी रुख अपनाते आए हैं. वैसे भी, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की विचारधारा पर चलकर ही मोदी सरकार ने आर्टिकल 370, राम मंदिर, तीन तलाक, जीएसटी, नोटबंदी, लॉकडाउन, पाकिस्तान के खिलाफ सख्त ऐक्शन जैसे फैसले लिए और जनता ने इसे स्वीकार भी किया है.
जब मोदी मुख्यमंत्री थे तभी उनकी छवि हिंदू हृदय सम्राट की बन गई थी. बाद के वर्षों में यह कमजोर नहीं पड़ी. हालांकि प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने कभी एक धर्म की बात नहीं की बल्कि ‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास’ के सिद्धांत पर सरकार चलाई. पीएम ने कभी ऐसा बयान नहीं दिया जिससे मजहबी रंग दिखे.
हां, पीएम मोदी ने यह जरूर स्पष्ट किया है कि हिंदू आस्था और अस्मिता को इग्नोर कर देश की राजनीति आगे नहीं बढ़ सकती है. उन्होंने कई मंदिर कॉरिडोर पर फोकस किया. सबसे बड़ा उदाहरण अयोध्या में बना दिव्य और भव्य राम मंदिर है. ऐसे में लालू ही नहीं, विपक्ष के नेताओं को समझना होगा कि उनकी तरफ से क्या गलती हुई है क्योंकि भाजपा विपक्ष के तीर से ही पलटवार करने में माहिर है. चुनाव प्रचार में इस बयान पर विपक्ष की किरकिरी देखने को मिल सकती है. पीएम मोदी खुद लालू के बयान को पब्लिक में भुना सकते हैं.
परिवारवाद के जवाब में निजी हमले
दरअसल, पीएम अक्सर परिवारवाद पर हमले करते रहते हैं. कल लालू को मौका मिला तो उन्होंने निजी हमले करने शुरू कर दिए. उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी आज कल परिवारवाद पर हमला कर रहे हैं. अरे भाई आप बताओ न कि परिवार में संतान क्यों नहीं हुई. ज्यादा संतान होने वाले लोगों को बोलते हैं कि परिवारवाद है, परिवार के लिए लोग लड़ रहे हैं. आपके पास परिवार नहीं है.’
*सोशल मीडिया पर एक तबका लालू के बयान को गलत मान रहा है.*