*पूर्व चुनाव में मात्र 1447 वोट पाने वाले दामोदर गुर्जर कैसे जिताएंगे कांग्रेस को?*
*कांग्रेस प्रत्याशी बदलने की चर्चा जोरो पर*
भीलवाड़ा से कांग्रेस ने डॉ. दामोदर गुर्जर को प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले गुर्जर दौसा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके है जहां उन्हें पन्द्रह सौ वोट भी नहीं मिल पाये थे। इसे लेकर यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ही लोगों में भी कई तरह की चर्चा है। उन पर ढाई करोड़ में टिकिट लेने के आरोप भी लगे लेकिन गुर्जर ने उसे नकार दिया।
पुलिस उप अधीक्षक पद से नौकरी छोड़कर प्रोपर्टी और शिक्षण से जुड़े डॉ. दामोदर गुर्जर ने 2013 में विधानसभा का चुनाव दौसा से बहुजन समाज पार्टी की ओर से लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें मात्र 1447 वोट ही मिले। चुनाव में भाजपा के शंकरलाल शर्मा ने 65 हजार 904 वोट हांसिल कर विजय प्राप्त की। वहां कांग्रेस को भी हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के मुरलीलाल को 40 हजार 732 वोट मिले थे। चुनाव में दामोदर गुर्जर ने कुल वोटों का 1.03 प्रतिशत मत ही हांसिल किया था। 2013 में दामोदर 50 वर्ष के थे और प्रोफेशनल व्यवसाय में इन्होंने टीचर सोशल वर्कर और एग्रीकल्चर से जुड़ा होना बताया। तब इनके पास 50 लाख 5 हजार की चल और 5 करोड़ 92 लाख की अचल सम्पत्ति थी। उनकी पत्नी भी टीचर है।
2013 के विधानसभा चुनाव में दामोदर गुर्जर ने मात्र पन्द्रह सौ वोट भी प्राप्त नहीं किये थे। इन्हें अब कांग्रेस ने भीलवाड़ा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। इस बात की कार्यकर्ताओं में खासी चर्चा है। उनका कहना है कि इससे तो अच्छा किसी स्थानीय नेता को ही चुनाव में कांग्रेस खड़ा कर देती।
कांग्रेस कार्यालय में बुधवार को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद पहली बार दामोदर गुर्जर पहुंचे जहां कांग्रेस के बड़े नेता तो शामिल हुए लेकिन कार्यकर्ताओं का अभाव ही नजर आया। नेताओं और कार्यकर्ताओं की संख्या सौ को भी पार नहीं कर पाई। इसकी भी वहां अच्छी खासी चर्चा रही है।
कांग्रेस के एक बड़े नेता ने यह तक कह दिया कि यहां कोई टिकिट देने वाला ही नहीं है। इससे अच्छा तो कोई तो चुनाव लड़ रहा है।
दूसरी ओर भीलवाड़ा की स्थिति भी दिल्ली तक पहुंची है और आज सुबह वहां राजसमंद के साथ साथ यहां की भी चर्चा हुई। समझा जा रहा है कि गुर्जर से गुर्जर को रिप्लेसमेंट किया जा सकता है