दो महिलाओं सहित 12 जनों के विरूद्ध गिरोह बनाकर डेढ़ करोड़ रूपए ठगी करने का मामला दर्ज
गंगापुर –
स्थानीय पुलिस थाने में एक ठग गिरोह के 12 जनों के विरूद्ध करीब डेढ़ करोड़ रूपए की ठगी का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार प्रार्थी सांखला गांव निवासी पारसमल पुत्र मदनलाल खटीक ने न्यायालय के इस्तगासे के जरिए मामला दर्ज कराया की वह गंगापुर में सीसीटीवी कैमरे बेचने एवं कंप्यूटर का कार्य करता है। करीब एक वर्ष पूर्व विनोद कलाल पुत्र रमेश कलाल निवासी उदयपुर, कृष्ण पाल सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी केलवा, राजेंद्र सिंह निवासी केलवा, रामसिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी केलवा, रतनलाल खटीक निवासी सरदारगढ़ एवं प्रवीण पुत्र धर्मपाल चौधरी निवासी जयपुर हम सलाह होकर दुकान पर आये ओर कहा कि हम लोग सीएम ने क्रिप्टो मिडिया नेटवर्क नाम की कंपनी चलाते हैं। जिसमें आप पूंजी का निवेश कर तीन गुणा मुनाफा कमा सकते हैं। और इस कंपनी की समस्त जानकारी ऑनलाइन गूगल पर भी उपलब्ध है। इन सभी व्यक्तियों ने परिवादी को अपने मोबाइल पर ऑनलाइन कंपनी के फोटो और वीडियो भी बताएं। जिसमें राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी का फोटो भी लगवा रखा था। अभियुक्तों ने परिवादी को विश्वास दिलाया कि उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी हमारी कंपनी की ब्रांड ऐबेसेडर है । अभियुक्तों ने परिवादी को लोभ लुभावनी स्कीमें बताकर कंपनी में पुंजी निवेश करने के लिए संडियंत्र पूर्वक उत्प्रेरित किया।परिवादी इन सभी अभियुक्तों के झांसे में आ गया। और उसने व उसके परिचितों ने अभियुक्तों द्वारा बताए गए बैंक खातों में अलग-अलग दिनांक को किस्तों में एवं नगद राशि कुल मिलाकर करीब एक करोड़ 55 लाख नो हजार रुपए कंपनी में निवेश करने हेतु अभियुक्तों को व गिरोह मे शामिल चांद कंवर पत्नी कृष्णपाल सिंह, विष्णु कंवर पत्नी राजेन्द्र सिंह, कन्हैयालाल पुत्र रमेश कलाल निवासी केलवा, सीताराम पुत्र जगदीश चंद्र साहु निवासी किशनगढ व राजकुमार,जितेश भाई खत्री को दे दिए
काफी दिन बीत जाने के बाद परिवादी द्वारा लगातार निवेश करने के बाद अभियुक्तों से मुनाफे के लिए पूछा तो वह उसे जल्दी ही मुनाफा देने का झूठी दिलासा देते रहे। काफी समय बीत जाने के बाद अभियुक्तों द्वारा अपनी निवेश पूंजी व मुनाफा का तकाजा किया तो उन्होंने परिवादी को डराया धमकाया कि अपनी निवेश पूंजी भूल जाओ हमारा नेटवर्क व गिरोह काफी बड़ा है और हमारी उपर तक पहुंच है।और कहा कि आगे भी कभी रूपयों का तकाजा किया या हमारे उपर कोई कानूनी कार्रवाई की तो तुम्हें जान से मार देंगे। इसके बाद अभियुक्तों ने अपने मोबाइल बंद कर दिये व परिवादी से संपर्क तोड़ दिया। इसके बाद परिवादी पारसमल ने अपने स्तर पर ईन अभियुक्तों के बारे में छानबीन की तो पता लगा कि यह अभियुक्तगण गिरोह बनाकर भोले भाले लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रूपए ऐढने का काम करते हैं।इस गिरोह के विरुद्ध अन्य कहीं थानों में भी ठगी मामले दर्ज हैं। पुलिस ने परिवादी की रिपोर्ट पर आई पी सी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया।