‘बिना सोचे-समझे लिया फैसला’
CM भजनलाल ने 17 नए जिलों को लेकर दिया ये संकेत
सीएम ने 17 नए जिलों को लेकर चुप्पी तोड़ी
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बनाए गए 17 नए जिलों को लेकर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने RAS अधिवेशन में कांग्रेस सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि एक जिले पर कितना पैसा खर्च होता है, कितने संसाधन चाहिए उस पर चिंतन तो करना चाहिए था। बिना सोचे-समझे जिलों का फैसला लिया गया था। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद नए जिलों को रद्द करने की चर्चा फिर से शुरू हो गई है। सीएम भजनलाल शर्मा आज RAS अधिवेशन के कार्यक्रम में नए जिलों का जिक्र करते हुए पिछली गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया है। इस दौरान सीएम भजनलाल ने कहा- अधिकारी भी कह रहे है कि काम करने के लिए संसाधनों की कमी है, हमने भी आठ माह के शासन में ये महसूस किया है।
गौरतलब है कि इससे पहले भजनलाल सरकार ने जिलों को लेकर बनाई गई सब कमेटी के संयोजक पद से उप-मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को हटाकर शिक्षामंत्री मदन दिलावर को जिम्मेदारी सौंपी थी।
उल्लेखनीय है कि भजनलाल सरकार ने 17 जिलों के सर्वे के लिए रिटायर्ड आईएएस ललित पंवार की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी गठित की थी। इस कमेटी का काम सभी जिलों में जाकर वहां की भौगोलिक, जनसंख्या, क्षेत्रफल, राजस्व समेत विभिन्न बिंदुओं पर सर्वे कर अपनी रिपोर्ट तैयार करना था। इसको लेकर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार की। ललित पंवार ने गत 31 अगस्त को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी।
कमेटी ने जिन जिलों का परीक्षण किया है उसमें अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोटपूतली, बालोतरा, जयपुर शहर, खैरथल, ब्यावर, नीमकाथाना, डीग, जोधपुर शहर, फलौदी, डीडवाना, सलूंबर, दूदू, केकड़ी, सांचौर और शाहपुरा शामिल हैं। इसके अलावा राजस्थान में तीन नए संभाग बनाए गए हैं, जिनमें बांसवाड़ा, पाली और सीकर शामिल हैं, इनकी भी समीक्षा की गई है। हालांकि, पत्रावली में जोधपुर और जयपुर ग्रामीण नहीं होने से ये जिले समीक्षा के दायरे में नही आए हैं।