
*दानदाताओं के नाम नहीं लिखेंगे चांन्दारास खारोल मंदिर कमेटी का निर्णय*
चान्दरास खारोल समाज कमेटी के कार्यकर्ता नेबताया किशाकंभरी माता मंदिर का नवनिर्माण सन 2004 से चालू किया गया जो कि आज दिन तक कोई भी व्यक्ति या भामाशाह के ऊपर नाम नहीं है नहीं लगाया जाएगा समाज की दानदाताओं द्वारा दान का ₹1 देता है तो भी बराबर एक लाख रूपये के बराबर माना जाएगा
इस वजह से समाज इस पर निर्णय लिया जाता है की माताजी परिसर में कोई भी दान दाताओ का व्यक्तिगत नाम नहीं लिखा जाएगा नाम एक ही रहेगा सिर्फ अखिल भारतीय खारोल समाज चांन्दारास मंदिर
खारोल खारवाल समाज के दानदाताओं से बना हुआ है। इस मंदिर में लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं फिर भी बड़ा दानदाता हो या फिर छोटा किसी का नाम नहीं लगाया गया है।
प्रकाश खारोल ने बताया कि कोई भी झूठी कानूनी कार्रवाई पर समाज भ्रमित हो रहा है समाज के लोग एक होकर समाजिक निर्णय लिया जाएगा समाज का निर्णय समाज में हो जब ही समाज में एकता दिखेगा