गंगापुर का तिल्ली का तेल व कानिया की विदेशों में मांग गंगापुर। (दिनेश लक्षकार)
सर्दी बढ़ते ही बाजार में सूखे मेवों की मांग बढ़ जाती है। बाजार में जूस के स्थान पर गजक व मूंगफली गुड से बनी मिठाइयां और खाने में लोग तिल्ली का तेल का उपयोग करते हैं। पहले जहां अजमेर जिले के ब्यावर कस्बे की गजक बिक्री के लिए प्रसिद्ध थी किंतु अब कई व्यापारी भीलवाड़ा जिले में ही गजक तैयार करने लग गए हैं। भीलवाड़ा जिले के गंगापुर कस्बे के दिनेश तेली ने बताया कि श्री चराणा श्याम तेलघाणी गंगापुर में उपासरे के पास स्थित है जहाँ से भारत के बड़े शहरों में मुंबई, बेंगलुरु, कर्नाटक, अहमदाबाद, सूरत, दिल्ली के अलावा विदेशों में सऊदी अरब ,दुबई व अफ्रीका तक गंगापुर की तेलघाणी का तिल्ली का तेल व सूखे मेवे युक्त कानिया की मांग पर वहाँ भेजा जाता हैं। गंगापुर में शुद्ध तिल्ली का तेल सूखे मेवे युक्त कानिया के साथ साथ तिल व मूंगफली से अनेक व्यंजन बनाये जाते हैं । जिन्हें लोग बेहद पसन्द कर रहे हैं। तिल और मूंगफली के बने व्यंजनों और सर्दी का मेवे के नाम से विख्यात इसमें गुड़ , खोपरा, काजू, बदाम, खसखस व सूखे मेवे युक्त कानिया की मकर सक्रांति पर जबरदस्त मांग रही ।