*बारहठ महाविद्यालय में सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कर्तव्यबोध दिवस का आयोजन*
✍️ *मोनू सुरेश छीपा*
*द वॉइस आफ राजस्थान
शाहपुरा भीलवाड़ा अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (उच्च शिक्षा) के तत्वावधान में स्थानीय इकाई प्रताप सिंह बारहठ राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त बौद्धिक शिक्षण प्रमुख सत्यनारायण कुमावत के मुख्यातिथ्य एवं प्राचार्य प्रो. रामावतार मीना की अध्यक्षता में ‘‘कर्तव्य बोध दिवस’’ का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि कुमावत ने स्वामी विवेकानन्द को कर्तव्यपरायणता की मूर्ति बताते हुए विद्यार्थियों को पंचकोशात्मक विकास हेतु प्रेरित कर श्रीमद्भगवद्गीता में वर्णित कर्तव्य बोध पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती के उपलक्ष्य में स्वाधीनता संग्राम में नेताजी के अवदान को रेखांकित किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य प्रो. रामावतार मीना ने कर्तव्य एवं अधिकार की पारस्परिक सम्पूरकता का वर्णन करते हुए वाल्मीकीय रामायण एवं महाकवि कालिदास द्वारा निरूपित अधिकारों के उद्धरण प्रस्तुत किये । अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (उच्च शिक्षा) की जिला कार्यकारिणी सदस्य एवं इकाई सचिव डाॅ. पुष्कार राज मीणा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि नैतिक कर्तव्य हमारे सांस्कृतिक शिष्टाचार में स्वतः ही सम्मलित है और पीढी दर पीढी हम इनका पालन करते आ रहे है जबकि मौलिक कर्तव्य संविधान प्रदत्त है जिनकी पालना अनिवार्य है। इस अवसर पर संकाय सदस्य प्रो. मूलचन्द खटीक, डाॅ.ऋचा अंगिरा, डाॅ. रंजीत जगरिया, डाॅ. हंसराज सोनी, प्रो. प्रियंका ढाका, प्रो. शंकर लाल चैधरी, प्रो. अतुल कुमार जोशी एवं प्रो. नेहा जैन तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. दिग्विजय सिंह ने किया। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (उच्च शिक्षा) की ओर से प्रो. धर्मनारायण वैष्णव ने अतिथियों का आभार प्रकट किया।