रायला से बनेड़ा तहसील तक की सीधी सड़क तक नहीं।
शाहपुरा तक सड़क पक्की मिलने का तो सपना ही होगा
गोपाल वैष्णव
रायला । बनेड़ा तहसील की ग्राम पंचायत रायला वासियों को बनेड़ा तहसील तक पहुंचने की पक्की सड़क से महरूम रहना पड़ रहा है।
देश की आजादी के बाद बनेड़ा को जब से तहसील बनाया है तब से लेकर अब तक रायला ही नहीं कई गांव पक्की सड़क से नहीं जुड़े हैं।
जो गांव जुड़े हुए हैं उन सड़कों की दुर्दशा भी बयां कर रही है कि भूलकर भी बनेड़ा मत जाना। क्यों की सड़कों की दशा बिगड़ी हुई है। लेकिन लोगों की मजबूरी है उपखंड तहसील और पंचायत समिति के काम के लिए कच्ची पक्की सड़कों में धक्के खाते बनेड़ा जाना पड़ता है। और जाते रहेंगे।
सरकारी तंत्र और राजनेता मूकदर्शक बने हुए हैं फिर जो भोली भाली जनता को झटके खाने की आदत जो बना चुकी है,झटके खाती रहेगी। क्योंकि जाना तो बनेड़ा ही है ना।
अब बनेड़ा तहसील शाहपुरा जिले में आ जाएगी। बनेड़ा तहसील की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत रायला का जिला शाहपुरा होगा।
अब रायला से शाहपुरा पहुंचना लोगों के लिए कितना दुखदाई होगा यह तो मैं नहीं कह सकता हूं लेकिन जो लोग शाहपुरा जिले के काम के लिए पहुंचेंगे उनकी आत्मा बताएगी कि क्या उन्हें शाहपुरा जाना चाहिए।
कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जो सरकारें देश की आजादी के बाद से रायला से बनेड़ा तक की पक्की सड़क का निर्माण नहीं करवा सकी वे सरकारें रायला से शाहपुरा तक की पक्की सड़कें बनवा देगी?
शाहपुरा को जिला बनाए जाने पर आज शाहपुरा बनेड़ा के कई कांग्रेसी कार्यकर्ता राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को बधाई देने जयपुर गए हैं।
अब वे बधाई देने गए हैं या अपने कार्यकर्ताओं को साथ लेकर कांग्रेस विधायकी का टिकट पक्का करने गये । यह बात अलग है।
सवाल तो सड़कों का उत्पन्न हो रहा है। आसींद तहसील के कई गांव के लोगों को शाहपुरा जाने के लिए रायला होकर ही गुजरना पड़ेगा । ऐसे में रायला से सीधी पक्की सड़क लोगों को मिल जाएगी? जबकि अब तक कई ग्राम पंचायतें है जो तहसील मुख्यालय से सीधी नहीं जुड़ पाई, तो जिला मुख्यालय तक पक्की सड़क से सीधा जुड़ना तो सपना ही होगा।