भीलवाड़ा की बेटी ने नीट परीक्षा में हासिल की ऑल इंडिया में 665वीं रैंक
ईडन इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा सलोनी जैन का विद्यालय प्रबंधन ने किया स्वागत
भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल।मोनू सुरेश छीपा) वस्त्रनगरी की बेटी व ईडन इंटरनेशनल स्कूल, सुवाणा रोड़, भीलवाड़ा की सत्र 2022-23 की नियमित छात्रा सलोनी जैन सुपुत्री डॉक्टर राजेश – चन्द्रकान्ता जैन ने नीट परीक्षा 2023 में ऑल इंडिया रैंक 665वीं हासिल करके शहर व जिले को गौरवान्वित किया। लेकिन खास बात यह है कि सलोनी की मेहनत का यह नतीजा सामने आया कि उसने पहली बार मे अपना नीट एग्जाम क्लियर कर लिया है. वहीं सलौनी अपने पिता के नक्शे कदम पर चली है। सलौनी के पिता स्वयं एक डॉक्टर है और अब सलोनी भी नीट का एग्जाम क्लियर करने के बाद पिता की राह पर चल पड़ी है। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी महावीर शर्मा एवं संस्था प्राचार्य सत्यनारायण उपाध्याय ने विद्यालय शिक्षकों के साथ छात्रा का विद्यालय परिसर में स्वागत कर विद्यालय प्रबंधन की ओर से छात्रा सलोनी जैन की उल्लेखनीय प्रदर्शन पर विशेष बधाई दी। सलोनी जैन बचपन से ही मेधावी एवं बहुआयामी छात्रा रही है। विद्यालय काल में विद्यालय में आयोजित विभिन्न शैक्षणिक एवं सह शैक्षणिक गतिविधियों में हमेशा प्रथम स्थान पर रही है। सलोनी जैन ने कक्षा 12 विज्ञान संकाय से इस वर्ष 95.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर साथ ही नीट परीक्षा में कुल पूर्णांक 720 अंकों में से 691 अंक प्राप्त करके विद्यालय एवं गुरुजनों का मान बढ़ाया है। वहीं दूसरी तरफ सलोनी के चिकित्सक माता-पिता चंद्रकांता और राजेश जैन कहते हैं कि आज हमारी बेटी ने जो कामयाबी हासिल की है इसको लेकर हमें काफी खुशी है। शुरू से ही हमारी बेटी को डॉक्टर बनने का सपना था इसलिए हमने हर मुमकिन कोशिश की इस का सपना पूरा करने के लिए बेटी की मेहनत का परिणाम है कि नीट 2023 में 665 वी रैंक हासिल की है तो हमें काफी खुशी हो रही है।
8वीं कक्षा से ही बना लिया था लक्ष्य
सलोनी जैन ने बताया कि पूरे मन से पढ़ाई करने के बाद मैंने अपना लक्ष्य हासिल किया। 8वीं कक्षा से ही मेने अपना लक्ष्य बना लिया था। क्लासेज के दौरान मेरा शेड्यूल अपनाया हुआ था कि मुझे 5 घंटे मेरी पढ़ाई को देने है। जिस दिन कोचिंग नहीं होती थी उस दिन में करीब 10 से 12 घंटे अपनी पढ़ाई को देती और रिवीजन करती थी। आज मैं अपने टारगेट को पाकर खुश हुं। कई बार ऐसा होता है कि पढ़ाई के दौरान बच्चों को प्रेशर रहता है। मेरे साथ भी ऐसा होता था तब मम्मी-पापा से व टीचर्स से बात करती और जो अपनी हॉबीज है उन्हें अपना मन लगाती. टीचर्स ने पूरे कांसेप्ट को अच्छी तरह से समझाया।
परिवार और टीचर के साथ ही बैचमेट को दिया सफलता का श्रेय
सलोनी जैन का कहना है कि मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और टीचर के साथ ही बैचमेट को देना चाहूंगी। कोचिंग के टीचर्स ने हम पर भरोसा बनाए रखा और अच्छी तरह से कांसेप्ट क्लियर करवाएं। मैं यह कहना चाहूंगी कि मुझे अच्छे अच्छा मिला क्योंकि मेरे बैच हम सभी एक से बढ़कर एक थे जिससे हमें अच्छे नंबर लाने की प्रेरणा एक दूसरे से मिलती गई। आजकल बच्चे सोशल मीडिया पर अपना टाइम दे रहे हैं लेकिन अगर कोई बच्चा स्टडी के लिए सोशल मीडिया यूज कर रहा है तो अपना स्क्रीन टाइम डेली नोट करता रहे. जो बच्चे पूरी मेहनत लगाने के बाद भी सफल नहीं हो पाते मैं उन बच्चों से यह कहना चाहूंगी की नेवर गिव अप अपने लक्ष्य के प्रति अपना जरूर रखें और उसे पाने के लिए पूरी कोशिश करते रहे. सलोनी भविष्य में न्यूरोलॉजिस्ट बनना चाहती है और अपने पिता की तरह एक अच्छा डॉक्टर बनना चाहती है।