सरकार जिंदल शाॅ का खनन पट्टा निरस्त कर 10 करोड़ करें जप्त•
ओवरब्रिज बनाओ संघर्ष समिति सदस्य न्यायालय की शरण लेकर पट्टा कराएंगे निरस्त
भीलवाड़ा। (पंकज पोरवाल) मोनु सुरेश छीपा जिंदल सॉ लिमिटेड को 143 बीघा जमीन 2 साल में स्टील प्लांट लगाने की शर्त पर आवंटन के बाद 11 साल बीत जाने के बाद भी जिंदल द्वारा स्टील प्लांट नहीं लगाना और खान विभाग द्वारा दिखावे के लिए केवल नोटिस ही जारी कर आगे कार्यवाही नही करना संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत को दर्शा रहा है। ओवरब्रिज बनाओ संघर्ष समिति के लक्ष्मी नारायण डाड, दुर्गेश शर्मा, महेश सोनी, बाबूलाल जाजू, उमेद सिंह राठौड़, सत्यनारायण विश्नोई, प्रशांत मेवाड़ा, अशोक मूंदड़ा, सीताराम खटीक, ओम कसारा, पारस मोगरा, जयकुमार जैन, नेम कुमार सिंघवी ने बताया कि जिंदल द्वारा 2 वर्ष में स्टील प्लांट लगाकर लोगों को रोजगार देने का वादा कर भूमि आवंटित करवाई थी और अब जिंदल द्वारा और जमीन की मांग की जा रही है जिससे जाहिर है की जिंदल सॉ लिमिटेड स्टील प्लांट लगाना ही नहीं चाहता है। जिंदल सॉ द्वारा पूर्व में भी जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत कर सरकारी नियमों को ताक में रखकर 744 बीघा चरागाह एवं तालाब की भूमि खनन हेतु आवंटित करवाई है। उल्लेखनीय है कि जिंदल द्वारा लिखित अनुबंधों के बावजूद रामधाम के यहां ओवरब्रिज बनाने, मेजा बांध पर उद्यान की रखरखाव व्यवस्था करने, कोठारी नदी के किनारे 10 हजार पेड़ लगाने, लावारिस मवेशियों को गौशाला में रखकर उनके रखरखाव व्यवस्था पुख्ता करने जैसे जनहित के कार्य आज तक पूर्ण नहीं किए है। समिति सदस्यो ने राजस्थान सरकार से पूर्व में लिखित शर्तों की पालना नहीं करने के चलते खान विभाग द्वारा दिए गए खनन पट्टे को तुरंत निरस्त कर 10 करोड़ की अमानत राशि जब्त करने की कार्रवाई करने की मांग की है। समिति सदस्यों ने कहा कि सरकार द्वारा यदि पट्टा निरस्तीकरण की कोई कार्यवाही नहीं की जाती तो न्यायालय की शरण लेकर पट्टा निरस्त करवाएंगे।