अहिंसा परमो धर्म ही मानव का सच्चा धर्म है— साध्वी प्रितीसुधा
14 जुलाई भीलवाड़ा(शास्त्री नगर) अहिंसा परमो धर्म ही मानव का सच्चा धर्म है ।शुक्रवार को प्रखर वक्ता साध्वी प्रितीसुधा ने अहिंसा भवन में श्रध्दालूओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन को सफल बनाना है। तो धर्म के मापर्ग पर चलना ही पड़ेंगा। वरना मनुष्य अपने जीवन उत्थान और कल्याण नहीं कर पाएगा । अहिंसा परमो धर्म ही मनुष्य का परम् धर्म है। जो किसी प्राणी का अहित नही करता है। अहिंसा वो मार्ग है जिससे सम्पूर्ण विश्व मे शान्ति कि स्थापना कि जा सकती है। वह तभी संभव हो सकता है, जब हम अपने आपसी राग्ग,द्वेष और ईर्ष्या हिंसा को छोड़कर अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे। तभी विश्व शांति कि स्थापना हो सकती है । आज सम्पूर्ण विश्व मे अशांति अजारक्ता फैली हुई है । वह तभी खत्म हो सकती है। जब हम अपने मतभेदों को भूलकर अहिंसा परमो धर्म के सिध्दातो को जीवन मे अपना लेगें तभी विश्व मे शांति की स्थापना हो सकती है ।महासती उमराव कंवर,साध्वी संयमसुधा ने कहा कि हिंसा वो मार्ग जिससे किसी भी भला नही होने वाला है। अहिंसा के मार्ग से ही जीवन मे सफलता पाई जा सकती है। धर्मसभा के प्रश्चात अहिंसा भवन के अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह बाबेल,अशोक पौखरना, सुशील चपलोत,हेमंत आंचलिया रिखबचंद पीपाड़ा आदि सभी पदाधिकारियों ने उपनगरों एवं बाहर से पधारे अतिथीयो का शोल माला पहनाकर स्वागत किया ।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत
9414730514
अहिंसा भवन शास्त्री नगर भीलवाड़ा