हर्षोल्लास के साथ जगत् गुरु श्री निम्बार्काचार्य महाप्रभु का प्राक्टयोत्सव है मनाया गया।
मोनू सुरेश छीपा। द वॉयस ऑफ राजस्थान
शाहपुरा सदर बाजार स्थित श्री गोविन्द देव जी के मंदिर मे कार्तिक शुक्ला पूर्णिमा पर श्री निम्बार्क संप्रदाय केआद्य्य आचार्य जगत् गुरु श्री निम्बार्काचार्य अवतार दिवस पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पंडित महावीर प्रसाद शर्मा ने अवतार कथा करते हुए बताया कि सनातन धर्म के चार प्रमुख संप्रदायो मे श्री निम्बार्क संप्रदाय का महत्वपूर्ण स्थान है। इनका जन्म दक्षिण मे तैलंग प्रदेश के मूंगीपैठन मे हुआ था। तीर्थाटन करते हुए गिरिराज गोवर्धन के पास निमेडी जिसे वर्तमान में निम्ब ग्राम कहते हैं
एक दिन यति के रूप में ब्रह्माजी आऐ,सूर्यास्त होने के बावजूद भी आपने तपोबल से आश्रम में लगे नीम के वृक्ष मे सूर्य भगवान के दर्शन कराये,,इसलिए आप निम्बार्काचार्य नाम से विख्यात है। आपने श्रमद्भगवत गीता, ब्रह्म सूत्र, उपनिषदों का गहन अध्ययन किया और द्वैताद्वैत सिद्धांत का प्रतिपादन किया। भारतीय दर्शन शास्त्र मे इस इस सिद्धान्त का बहुत महत्व पूर्ण स्थान। इस संप्रदाय का प्रमुख पीठ स्थान सलेमाबाद में है जिसे श्री निम्बार्कतीर्थ कहते हैं ।इस अवसर पर भक्त वर राधे श्याम झंवर द्वारका प्रसाद मूंदडा ओमप्रकाश तोषनीवाल अनिल डोडिया सत्य नारायण मूंदडा ललित धूपड सूर्य प्रकाश झंवर नन्द लाल सोनी किशन गोपाल झंवर एवं भक्ति मती मातृशक्ति उपस्थित थे।