*पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर मनाया गया सुशासन दिवस*
*राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित हुआ जिला स्तरीय कार्यक्रम*
*जनभागीदारी, संवैधानिक कानून के आधार पर प्रशासनिक कार्यों का संचालन , प्रशासन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही ही है सुशासन का असल अर्थ – जिला कलेक्टर श्री टीकम चंद बोहरा*
*जिला कलेक्टर ने दिलाई सुशासन की शपथ*
*कार्यक्रमों में पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न श्री वाजपेयी के पदचिन्हों पर चलने का लिया संकल्प*
मोनू सुरेश छीपा।द वॉयस ऑफ राजस्थान
शाहपुरा , 25 दिसंबर।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘सुशासन दिवस’ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिला स्तरीय कार्यक्रम राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में समारोह पूर्वक मनाया गया।इसके साथ उपखंड एवं ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन भी जिलेभर में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वर्गीय श्री वाजपेयी के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी श्री रामेश्वर लाल बाल्दी ने स्वागत भाषण दिया | मधुबाला शर्मा ने अटल कविता पठन किया।
जिला कलेक्टर श्री टीकम चंद बोहरा ने सुशासन दिवस का अर्थ समझाया तथा विस्तार में चर्चा करते हुए बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को प्रतिवर्ष सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया।
वर्ष 1947 में श्री वाजपेयी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के समाचार पत्रों के लिये एक पत्रकार के रूप में राष्ट्र धर्म (एक हिंदी मासिक), पांचजन्य (एक हिंदी साप्ताहिक) और दैनिक समाचार पत्रों-स्वदेश और वीर अर्जुन में काम करना शुरू किया। बाद में श्यामा प्रसाद मुखर्जी से प्रभावित होकर वाजपेयी जी वर्ष 1951 में भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए। श्री वाजपेयी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे और वर्ष 1996 तथा 1999 में दो बार इस पद के लिये चुने गए थे। एक सांसद के रूप में वाजपेयी को वर्ष 1994 में सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो उन्हें “सभी सांसदों के लिये एक रोल मॉडल” के रूप में परिभाषित करता है। उन्हें वर्ष 2015 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से और वर्ष 1994 में दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि अटलजी ने अपने राजनीतिक जीवन में कई बड़े फैसले लिए और कई महत्वपूर्ण कार्य किए जिससे कि देश की दशा और दिशा दोनों बदल गई। प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने सड़कों के माध्यम से भारत को जोड़ने की योजना बनाई थी। स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना लागू की, साथ ही ग्रामीण सड़क योजना के उनके फैसले ने देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया। जिला कलक्टर ने कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों को सुशासन की शपथ व संकल्प दिलाया।
नगर पालिका अध्यक्ष श्री रघुनंदन सोनी ने अटल जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अटलजी एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता, प्रखर राजनीतिज्ञ, नि:स्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, सशक्त वक्ता, कवि, साहित्यकार, और बहुआयामी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे।
कार्यक्रम के उपरांत अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री चन्दन दुबे ने आभार व्यक्त किया।
समारोह में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष कन्हैया लाल धाकड़,
प्रधान माया जाट, राजी देवी धाकड़ नगरपरिषद उप सभापति, कन्हैयालाल लाल धाकड़ पुर्व नगरपालिका अध्यक्ष आदि जनप्रतिनिधि गण समेत एस डी एम पुनीत गेलडा, अधिशासी अधिकारी विजेश मंत्री आदि अधिकारी गण मौजूद रहे।
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