न बॉर्डर न सैन्य छावनियाँ ,शाहपुरा में कहा से आए हैंड ग्रेनेड
*शाहपुरा में तीन बमों के मिलने का मामला*
*अजमेर से पहुंचे बम निरोधक दस्ते ने तीनों बमों को किया डिफ्यूज*
शाहपुरा न तो सरहदी इलाका है न यहां कोई सैन्य छावनियां है , न कभी कोई युद्धाभ्यास हुआ फिर यहाँ तीन हैंड ग्रेनेड जमीन में कैसे दबे मिले , कहा से आए कौन लाया किस मकसद से लाए गए इन तमाम बातों का राज अब पुलिस जांच में ही खुल पायेगा , दरहसल नगर पालिका शाहपुरा द्वारा चलाए जा रहे मनरेगा कार्य की खुदाई के दौरान महिला श्रमिक को खुदाई के दौरान यह बम मिले , मनरेगा मेट की सतर्कता से बड़ी अनहोनी टल गई ओर समय पर पुलिस को सूचना देने के कारण इस बड़े घटनाक्रम का खुलासा हो गया ! अब सवाल यह उठता है कि यह इन जिंदा हैंड ग्रेनेड को यहां कौन लाया और इसके पीछे क्या साजिश रची गई थी ? अजमेर से आए बम निरोधक दस्ते ने तीनों बमो को डिस्प्यूट कर दिया है पर सवाल वही आता है कि आखिर यहाँ यह बम किस मकसद से लाए गए ? बम निरोधक दस्ते के प्रभारी धर्मीचंद की अगुवाई में हुई जांच में यह बम 25 साल पुराने माने गए पर जिस प्रकार इनकी अवस्था देखी गई कुछ ही समय पूर्व यहां गाढ़े गए ऐसा प्रतीत होता है ! पुलिस के लिए बड़ी चुनोती है कि यह बम शाहपुरा तक कैसे पहुचे क्या इस जिले या भीलवाड़ा में ओर भी बम हो सकते है? पुलिस जब तक इन सवालों के जवाब नही देती तब तक यह गुत्थी उलझी रहेगी ! आमजन आज क्षेत्र में बम का नाम सुनकर भयभीत हो उठा , इसकी पीछे क्या साजिस है पुलिस के लिए यह चुनोती जरूर है पर इस घटनाक्रम का राज खुलना जरूरी है