*⚫भूल कर भी अगर आपने सेविंग अकाउंट में कर दी इतनी नगद राशि जमा तो आयकर रिटर्न विभाग लगा देगा 60% टैक्स,आरबीआई (RBI) ने जारी की गाइडलाइन⚫*
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*🔘भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) द्वारा समय-समय पर बैंकिंग सेक्टर के ग्राहकों हेतु नई-नई गाइडलाइन जारी की जाती है। बैंकिंग सेक्टर से जुड़े ग्राहकों को भारतीय रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य माना जाता है। अगर आपकी आयु 18 वर्ष से अधिक है और आपका देश के किसी निजी या गवर्नमेंट बैंक में खाता है तो आपके लिए भी यह गाइडलाइंस फायदेमंद साबित हो सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सेविंग अकाउंट में पैसा जमा करने की बैंकों द्वारा एक सीमा निर्धारित होती है। बैंकों द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार ही हम अपने सेविंग अकाउंट में नगद राशि जमा कर सकते हैं।*
*भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार अगर आपका किसी बैंक में सेविंग अकाउंट है तो आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते में अधिकतम 10 लाख रुपये नकद राशि जमा कर सकते है। अगर आप अपनी सेविंग अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख से अधिक नगद राशि जमा करते हैं तो इसकी संपूर्ण जानकारी बैंकों को आयकर विभाग को देनी पड़ेगी। बैंक ग्राहक पहले अपने सेविंग अकाउंट में 50000 या इसे अधिक नगद राशि एक साथ जमा कर सकते थे लेकिन अब इसे बढ़ाकर ढाई लाख रुपए तक कर दिया गया है। यह जमा करने हेतु आपको अपना पैन नंबर देना अनिवार्य है।*
*🔳10 लाख से अधिक राशि जमा करने पर देना पड़ेगा 60% टैक्स*
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बैंकिंग सेक्टर के ग्राहक अगर अपने सेविंग अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख से अधिक राशि जमा करते हैं तो आयकर विभाग आपसे इस राशि का 60% टैक्स भी वसूल सकता है। अगर आप एक वित्तीय वर्ष में एक सेविंग अकाउंट में 10 लाख की सीमा से राशि जमा करते हो तो आपको आयकर रिटर्न विभाग को जमा की गई नगद राशि का संतोषजनक ज़वाब देना होगा। अगर आप आयकर रिटर्न विभाग को आय का स्रोत नहीं बता पाते तो आयकर रिटर्न विभाग जमा राशि पर 60 % टैक्स, 25% सरचार्ज के साथ 4% सेस लगा देगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने अपनी गाइडलाइंस के तहत बैंकिंग सेक्टर के ग्राहकों को अपने सेविंग अकाउंट में नगद राशि जमा करने की अधिकतम सीमा, डेबिट कार्ड, एटीएम कार्ड, शुल्क, चेक शुल्क आदि चीज़ों को लेकर जानकारी दी है। जो भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने लोगों को जागरुक करते हुए कहा है कि अगर कोई व्यक्ति बताए गए दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता है तो आयकर रिटर्न विभाग उसे पर जुर्माना लगा सकता है।
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