*मतदाता कल तय करेंगे और राष्ट्रवाद ओर विकास में कौनसा मुद्दा उनके दिल को छूने वाला रहा*
*भीलवाड़ा में डॉ. जोशी जैसे बड़े चेहरे के बावजूद कांग्रेस प्रचार अभियान में पिछड़ती दिखी*
*गृहमंत्री अमित शाह की सभा ने भाजपा प्रत्याशी अग्रवाल की उम्मीदों को मजबूती दी*
*बात राजनीति की: निलेश कांठेड़*
भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र के चुनाव नतीजे क्या रहेंगे ये तो कल शुक्रवार को मतदाता तय करेंगे पर करीब एक पखवाड़े तक जो प्रचार अभियान चला उसमें अवश्य कांग्रेस डॉ. सीपी जोशी जैसा स्टॉर प्रत्याशी होने के बावजूद भाजपा के प्रत्याशी दामोदर अग्रवाल की तुलना में पिछड़ती नजर आई। पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. जोशी कांग्रेस की राजनीति में बड़ा नाम होने के बावजूद उनके पक्ष में एक भी बड़ी चुनावी सभा नहीं होना, गांधी परिवार के किसी सदस्य का चुनाव प्रचार के लिए नहीं आना ओर गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र माने जाने के बावजूद सचिन पायलट के भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र से दूरी बनाकर रखने से पार्टी कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश नहीं गया। हालॉकि स्वयं डॉ. जोशी ने जिलाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी व अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ सभी विधानसभा क्षेत्रों में पहुंच मतदाताओं को यह समझाने का बहुत प्रयास किया कि उन्हें फिर मौका मिला तो वह चंबल का पानी वंचित क्षेत्रों तक भी पहुंचाने के साथ एक लाख युवाओं को रोजगार दिलाने जैसे बड़े कार्य भी करेंगे। हॉलाकि मतदाता उनकी बात पर भरोसा कर पिछली छह लाख से अधिक की भाजपा की जीत के समीकरण पूरी तरह पलटते हुए उन्हें जीता देंगे इसके आसार फिलहाल तो नजर नहीं आते। डॉ. जोशी की तरह भाजपा प्रत्याशी दामोदर अग्रवाल के समक्ष भी गुटबाजी की आन्तरिक चुनौतियां कम नहीं थी लेकिन उन्होंने फिर भी सभी गुटा़े को साधने में एक हद तक सफलता पाई ओर एक-दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी अधिक सामने नहीं आई। कांग्रेस के अपेक्षाकृत अधिक मजबूती वाले क्षेत्र जहाजपुर-हिंडोली के मतदाताओं को प्रभावित करने लिए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सभा ने भी दामोदर की ताकत बढ़ाई। कांग्रेस जहां प्रचार अभियान समाप्ति के अंतिम दिन भी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अपने स्टॉर प्रचारकों को फील्ड में नहीं झोंक पाई वहीं भाजपा के लिए स्वयं मुख्यमंत्री भजनलाल ने पदाधिकारियों की बैठक लेकर उनमें जोश का संचार किया तो उप मुख्यमंत्री दीयाकुमारी के भीलवाड़ा शहर में रोड शो ने भी प्रभाव डाला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा ओर उनकी गारंटिया ओर राजस्थान की भजनलाल सरकार के 90 दिन की उपलब्धियां भाजपा के चुनाव अभियान का मुख्य केन्द्र रही। इसके विपरीत कांग्रेस ने राहुल ओर प्रियंका गाँधी के नाम ओर काम ओर पिछली अशोक गहलोत सरकार के कामकाज की अधिक चर्चा करने के बजाय डॉ. सीपी जोशी को चंबल का पानी लाने से भागीरथ के रूप में पेश करते हुए पिछले सांसद कार्यकाल की उपलब्ध्यिों ओर उसी आधार पर भावी विकास के गणित को समझाने पर ही अधिक फोकस रखा। जोशी के प्रचार अभियान में भी नामांकन के दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ओर कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा के आगमन को छोड़ अन्य बड़े स्टार प्रचारक दूर ही रहे। मतदाता भाजपा के राष्ट्रवादी विचारधारा ओर विकसित भारत के सपने से प्रभावित हुए या कांग्रेस की रोजगार दिलाने, महंगाई नियंत्रित करने ओर विकास कार्य कराने की बात पर भरोसा किया यह तो 4 जून को चुनाव परिणाम ही बताएंगे।
*स्वतंत्र पत्रकार एवं विश्लेषक*
पूर्व चीफ रिपोर्टर,राजस्थान पत्रिका,भीलवाड़ा