*भीलवाड़ा में पहली बार राजन महाराज के मुखारबिंद से भव्य रामकथा आयोजन के लिए तैयारियों पर चर्चा*
*श्री रामकथा सेवा समिति के तत्वावधान में चित्रकूटधाम में 21 सितम्बर से होगी नौ दिवसीय रामकथा*
भीलवाड़ा, 2 अगस्त। ख्यातनाम मानस मर्मज्ञ राजन महाराज के मुखारबिंद से धर्मनगरी भीलवाड़ा के चित्रकूटधाम में 21 से 29 सितम्बर तक श्री रामकथा सेवा समिति के तत्वावधान में होने वाली नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा आयोजन के लिए तैयारियां तेज हो गई है। तैयारियों पर चर्चा के लिए समिति की बैठक गुरूवार शाम संकटमोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरी महाराज के सानिध्य में मंदिर परिसर में हुई। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष गजानंद बजाज ने की। महन्त बाबूगिरीजी महाराज ने आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि मानस मर्मज्ञ राजन महाराज के मुखारबिंद से भीलवाड़ा में पहली बार होने जा रही रामकथा के आयोजन को सफल व एतिहासिक बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को इस आयोजन से जोड़ने का प्रयास करना है। रामकथा सेवा समिति के अध्यक्ष गजानंद बजाज ने बताया कि बैठक में आयोजन से जुड़ी विभिन्न तैयारियों पर चर्चा की गई एवं सदस्यों से सुझाव भी मांगे गए। इस भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए समिति के सदस्यों को अलग-अलग दायित्व सौंपे जा रहे है। बैठक में तय हुआ कि राजन महाराज के मुखारबिंद से होने वाली रामकथा श्रवण करने के लिए हजारों श्रद्धालु बैठ सके ऐसा विशाल वाटरप्रूफ डोम बनाया जाएगा। आयोजन स्थल पर पार्किंग सहित सभी जरूरी व्यवस्थाएं करने पर भी चर्चा हुई। बैठक में तय हुआ कि श्री रामकथा आयोजन के पहले दिन सुबह भव्य मंगल कलशयात्रा निकाली जाएगी। इसमें अधिकाधिक महिला श्रद्धाुलुओं की सहभागिता हो इसके लिए विभिन्न महिला संगठनों के सहयोग से प्रयास किए जाएंगे। कथा के प्रचार प्रसार के लिए शहर में प्रमुख स्थानों पर पोस्टर एवं बैनर भी लगाए जाएंगे। बैठक में आयोजन समिति की संरक्षक मंजू पोखरना, पीयूष डाड, रमेशचन्द्र बंसल, कन्हैयालाल स्वर्णकार, कृष्णगोपाल बंसल,रामेश्वरलाल ईनाणी, वेदांत बाहेती, दुर्गालाल सोनी, राजेश कुदाल, प्रहलाद सोनी,श्यामसुंदर सोमानी, गोपाल विजयवर्गीय,श्यामलाल नंदवाना, पवन पंवार, कला कुदाल आदि शामिल थे। कथा आयोजन को लेकर शहर में श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है। गौरतलब है कि महन्त बाबूगिरीजी महाराज के सानिध्य में भीलवाड़ा में वर्ष 2022 में ख्यातनाम रामकथा वाचन प्रेमभूषण महाराज के मुखारबिंद से नौ दिवसीय रामकथा का सफल आयोजन हो चुका है। उस आयोजन को मिली अपार सफलता ने भक्तों को फिर से भीलवाड़ा में रामकथा कराने के लिए प्रेरणा प्रदान की।