*परिवहन विभाग की उदासीनता के चलते नियम विरुद्ध व बिना लाईसेंस के शहर में फल-फूल रहे अवैध कार बाजार।*
👉🏼 नगर निगम, युआईटी की सड़कों के किनारे व फुटपाथ तक अवैध कब्जा, जिम्मेदार मौन, अवैध संचालित हो रहे कार बाजार।
*(राजेश जीनगर, भीलवाड़ा)”*
चौपहिया वाहनों के खरीदने बेचने को लेकर जरा से लालच और कमीशनखोरी के पीछे अवैध कार बाजार फल-फूल रहे हैं तो इसकी मुख्य वजह परिवहन विभाग की उदासीनता और अनदेखी भी बताई गई है। वहीं कई कार बाजार संचालक तो अपनी ऊंची पहुंच की धौंस दिखाकर धड़ल्ले से अवैध रूप से व्यापार कर रहे हैं। वहीं अगर शहर में कहीं अवैध कार बाजारों पर परिवहन विभाग की कोई कार्यवाही होती है तो प्रभावशाली और सफेदपोश नेताओं के फोन अधिकारियों तक पहुंच जाते हैं। जिसके चलते कई बार विभाग को भी हाथ पीछे खिंचने पड़ते हैं। जबकि शहर के प्रमुख चौराहों की सड़कों व डिवाइडर पर अतिक्रमण कर बिना लाईसेंस के अवैध रूप से संचालित कार बाजार के चक्कर में लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। सुचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में जिला परिवहन अधिकारी के अनुसार से शहर में कुल 26 कार बाजार रजिस्टर्ड है। जबकि अधिकांश कार बाजार अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। नाम नहीं बताने की शर्त पर परिवहन विभाग के सूत्रों की मानें तो उनका मानना है कि शहर में संचालित अधिकांश कार बाजार अवैध है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं करना चाहता है। अगर कोई विभागीय कार्यवाही भी होती है तो महज खानापूर्ति और दिखावे के लिए की जाती है। वाहनों के खरीदने बेचने के लिए परिवहन विभाग द्वारा जारी लाईसेंस और स्वयं की जमींन का होना जरूरी होता है, लेकिन युआईटी व नगर निगम की सड़कों, चौराहों व फूटपाथ तक अवैध कब्जा कर कार बाजार संचालित हो रहे हैं। उसके अलावा खरीदने बेचने के लिए परिवहन विभाग के नियमों को भी ताक में रखकर क्रेता और विक्रेता को कागजी खानापूर्ति करना आवश्यक होता है। लेकिन कारों के अवैध कारोबार, कमीशनखोरी और लालच के खेल के पीछे नियम कायदे फैल नजर आ रहे हैं। वहीं परिवहन विभाग की उदासीनता और जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते अवैध कार बाजार जमकर चांदी कुट रहें हैं और धंधा जोरों पर फल-फूल रहा है। नियम विरुद्ध और बिना लाईसेंस के फल-फूल रहे ऐसे कार बाजारों पर कब कार्यवाही और लोगों के साथ ठगी कब बंद होगी। ये बड़ा सवाल है।
*कार्यवाही के समय भुमिगत हो जाते हैं,*
शहर के विभिन्न चौराहों पर अतिक्रमण कर पांच दस चौपहिया वाहन खड़े कर के अवैध रूप से कार बाजार के नाम से बिना लाईसेंस धंधा करने वाले परिवहन विभाग की कार्यवाही के दौरान भूमिगत हो जाते हैं तो जब्त हो जाने के डर से वाहनों को भी आसपास खाली भूखंडों में छुपाकर रख देते हैं। मामला शांत हो जाने के बाद बैखोफ फिर से अवैध कार बाजार सजा लिया जाता है।
*परिवहन विभाग की उदासीनता के चलते नियम विरुद्ध व बिना लाईसेंस के शहर में फल-फूल रहे अवैध कार बाजार।*पढ़ें पूरी खबर*

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