*भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद : संघ अजगर दिखा कर बेचना चाहता है मंजन
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_*संजय जोशी बेहद उपयुक्त!! मगर वह भी हैं गुजराती!! देश की सत्ता और संगठन क्या सभी गुजराती हाथों में होंगे?*_
_*पहली महिला होगी नई अध्यक्ष!!*_
*सुरेन्द्र चतुर्वेदी*
*हमारे समय में हमारे शहर में एक जादूगर हुआ करता था।सड़क के किनारे पर बहुत लंबा अजगर रख कर भीड़ इकठ्ठी करता था और अंत में मंजन बेचने लगता था।सच कहूँ तो अब भाजपा और आर एस एस के बीच भी अजगर दिखा कर मंजन बेचने का कारोबार चल रहा है।*
*भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद काई की तरह फिसलाया जा रहा है। वर्तमान अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा यह कहने के बाद भी कि उनको संघ की ज़रूरत नहीं वह पद से हटाए नहीं जा रहे। हर बार कोई न कोई बहाना सामने रख कर उनका कार्यकाल बढाया जा रहा है। ज़ाहिर है कि ऐसा करके आर एस एस की छाती पर जान बूझ कर मूँग दली जा रही है। आज गए, कल गए, परसों तो गए ही गए! कहने के बावज़ूद उनके हटने का कोई महूर्त ही नहीं निकल रहा।*
*अब तक 18 राज्यों के प्रदेश स्तर के चुनाव हो जाने चाहिये थे । विगत फरवरी में ही हो जाने की पुख़्ता बात कही जा रही थी मगर अब तक तो मात्र 12 राज्यों में ही चुनाव हो पाए हैं। स्पष्ट है कि ना बाबा जी आएंगे ना घन्टा बजेगा।ना नौं मन तेल होगा न राधा नाचेगी।*
*अब आइये बात करें अजगर दिखा कर मंजन बेचने की। संघ मुखिया मोहन भागवत बेहद कूटनीति से क़दम बढ़ा रहे हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी जी संघ मुख्यालय आमंत्रित किए गए। मीडिया कहता रहा कि ज़रूर मोदी जी को भागवत जी अगले अध्यक्ष की पर्ची पकड़ा कर भेजेंगे! ज़रूर दोनों आमने सामने बैठ कर गिले शिक़वे दूर करेंगे। मगर ऐसा तो कुछ भी नहीं हुआ। भागवत जी ने तो उनसे किसी भी तरह की बात नहीं की। फिर हुआ क्या*
*यू ट्यूब चैनल्स और सोशल मीडिया पर इस बारे में न जाने कितनी बेसिर पैर की बातें की जा रही हैं। आए रोज़ कोई न कोई नया शगूफ़ा छोड़ कर लोग अपनी टी आर पी बढ़ा रहे हैं। कुछ तो पत्रकार इस तरह भविष्यवाणी कर रहे हैं जैसे भागवत जी ने उनसे सीधी बात करके बता दिया हो कि वह किसे अध्यक्ष बनाना चाहते हैं या उन्होंने मोदी जी और शाह से मिलकर मालूम कर लिया हो कि वह किस नाम पर सहमत हो पाएंगे*
*जो नाम अगले अध्यक्ष पद के लिए इन दिनों सबसे ज़ियादा चर्चा में है वह है संजय जोशी का। हाल ही में दिल्ली के गोल मार्केट वाले उनके निवास पर हज़ारों चाहने वालों की भीड़ उमड़ी। उनका जन्म दिन था। और तो और दिग्गज़ नेता शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा भी उनके यहां नज़र आए। तीनों ही इन दिनों मोदी और शाह की गुड़ बुक में नहीं माने जाते। इस घटना पर भी पूरे देश में फिर से ख़बर पर तबसरों का तूफ़ान आ गया। ऐसा लगा जैसे कि संघ ने नए अध्यक्ष के रूप में उनको ही अध्यक्ष बनाए जाने की ज़िद्द पकड़ ली है।*
*इस बारे में आप जो चाहे मान लें मगर मेरा मानना है कि संघ अजगर दिखा रहा है और नाटक के दूसरे हिस्से में मंजन बेच देगा।*
*इसमें कोई दो राय नहीं कि संजय जोशी भाजपा के लिए श्रेष्टतम व्यक्ति हैं। आज की भाजपा के बुनियादी पत्थर हैं। यदि वह अध्यक्ष बना दिए जाते हैं तो अगली सरकार भाजपा की बनना तय है। उनकी आक्रामकता जग ज़ाहिर है।*
*मगर संघ यह भी जानता है कि मोदी और शाह की गुजराती जोड़ी के होते वह संजय जोशी को अध्यक्ष नहीं बना सकते। जोशी भी गुजराती चांवल हैं। दो के बाद तीसरा भी यदि गुजराती हो गया तो अन्य राज्यों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा।*
*मुझे तो लगता है कि अजगर दिखा कर मंजन ही बेचा जाएगा। संघ भी जानता है कि जुड़वां भाई किसी हाल संजय जोशी को क़ुबूल नहीं करेंगे और बिना उनकी सहमति के संघ किसी भी क़ीमत पर उन पर अपनी ज़िद नहीं थोपेगा।*
*पार्टी अध्यक्ष और सत्ता के तालमेल बिना सरकार नहीं चलती यह भागवत जी से बेहतर कोई नहीं जानता। ज़ाहिर है कि नया अध्यक्ष संघ द्वारा प्रस्तावित भले ही हो जुड़वाओं का उसमें समर्थन भी होना तय होगा। सत्ता को नाराज़ करके संघ भी पल्लवित पुष्पित नही हो सकता।*
*अब सवाल उठता है कि क्या शिवराज चौहान नए अध्यक्ष हो सकते हैं। हां वह भी हो सकते हैं लेकिन जो नेता केंद्रीय मंत्री (वह भी फालतू वाले विभाग का) बन कर लॉली पॉप चूस चुका हो उसे जुड़वां भाई कहाँ कूबूल करेंगे। तो फिर *
*मित्रों! आपके सामने मैं अकिंचन पत्रकार कुछ भी नहीं। होगा तो वही जो विधाता चाहेगा मगर मेरा क़यास कह रहा है कि भाजपा की पहली महिला अध्यक्ष बनने का गौरव कोई महिला नेता ही प्राप्त कर पाएगी। इशारा मैंने कर दिया है नाम आप ले सकते हैं।*