राजस्व रिकॉर्ड में पुजारियों के नाम जोड़ने की मांग को लेकर, कलेक्टर को दिया ज्ञापन!
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गुलाबपुरा (रामकिशन वैष्णव) अखिल भारतीय वैष्णव बैरागी परिषद के बैनर तले सैकड़ों वैष्णव समाज के लोगों ने राजस्व रिकार्ड में पुजारियों का जोड़ने को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर अपना रोष प्रकट किया। ज्ञापन में बताया कि सन 1991 में सरकार द्वारा समस्त मंदिरों की खातेदारी में पुजारियों के नाम विलोपित करने के बाद पूरे राजस्थान में पुजारी आंदोलन एवं संघर्ष कर रहे हैं । राजस्व रिकॉर्ड में पुजारियों के नाम विलोपित कर देने से डोली भूमि में पुजारियों द्वारा काश्तकारी कार्य करने के बावजूद इनको सभी राजकीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो हो रही है, जिसमें कृषि कनेक्शन , मुआवजा राशि , कृषि उपकरणों में मिलने वाला अनुदान , फसली ऋण एवं फसल बीमा क्लेम का भुगतान नहीं हो पा रहा है । इस संबंध में प्रमुख शासन सचिव राजस्व विभाग राजस्थान सरकार जयपुर द्वारा दिनांक 30 सितंबर 2022 को जारी आदेश में मंदिर डोली भूमि में विलोपित किए गए समस्त पुजारियों के नाम पुनः जोड़ने का आदेश जारी हुआ था, अन्य जिलों में इस आदेश का क्रियान्वयन होकर पुजारियों के नाम पुणे जोड़ दिए मगर भीलवाड़ा जिलाधिकारी द्वारा सभी उपखंड अधिकारी एवं तहसीलदार को अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया, इस संबंध में सोमवार को जिले के सभी पुजारी वैष्णव बंधुओं अखिल भारतीय वैष्णव बैरागी परिषद के बैनर तले मुखर्जी उद्यान में एकत्रित होकर नारेबाजी करते हुए दोपहर को जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया! इस संबंध में पुजारी वैष्णव समाज के प्रतिनिधियों के समक्ष अतिरिक्त जिला कलेक्टर ब्रह्मा लाल चौधरी ने इस प्रार्थना पत्र पर तुरंत पहल कर उक्त समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया । इस दौरान अखिल भारतीय वैष्णव बैरागी परिषद के जिलाध्यक्ष जमना दास वैष्णव, पुजारी संघ जिलाध्यक्ष शंभू दास वैष्णव, डॉक्टर राजा साध वैष्णव, 60 गांव महंत मदन दास वैष्णव, जूना मंदारिया मंडल महंत शंकर दास वैष्णव, जिला महामंत्री महावीर वैष्णव, जिला उपाध्यक्ष राजाराम वैष्णव, जिला सचिव रमेश चंद्र वैष्णव, करेड़ा तहसील अध्यक्ष भैरू दास वैष्णव, देवी दास वैष्णव, देवेंद्र वैष्णव, गोविंद वैष्णव ,सत्यनारायण वैष्णव, लादू दास वैष्णव, रमेश वैष्णव, धर्मराज वैष्णव, चेतन दास वैष्णव, माधव दास वैष्णव, जगदीश वैष्णव, बालू दास वैष्णव, महावीर वैष्णव, केदार वैष्णव, मुकेश वैष्णव, राधेश्याम वैष्णव, शंकर वैष्णव, बालमुकुंद, केदार वैष्णव हमीरगढ़ सहित सैकड़ों की संख्या में वैष्णव बैरागी समाज के लोग मौजूद थे।