*चिंता मत करो,75 साल तक तो “वेलिड हूं” चुनाव लडने के लिए*
*चुनावी बजट नहीं,देश के विकास का बजट हैं-*
– *ज्यादा रोजगार देने वाले उधोग को मिलेंगी प्राथमिकता*
✍️ *सुशील चौहान*
भीलवाड़ा। चिंता मत करो *मैं 75 साल तक तो चुनाव लडने के लिए *वेलिड* हूं, क्योंकि पार्टी ने चुनाव लडने की उम्र की सीमा तय कर रखी हैं।
यह बात सांसद सुभाष बहेडिया ने शनिवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों के साथ *चाय पर चर्चा* के दौरान कही। हालांकि चाय पर चर्चा का विषय केन्द्र सरकार का हाल में जारी *बजट* था। बजट पर चर्चा के दौरान पत्रकारों ने सवाल दाग दिया कि क्या वो 2024 में लोकसभा का चुनाव लडेंगे तो उन्होंने कहा कि *मैं कौन होता हूं* इसका फैसला करने वाला। यह तो प्रधानमंत्री मोदी जी तय करेंगे। अगर वो टिकट देंगे तो जरूर चुनाव लड़ूंगा। पार्टी जो निर्णय करेगी वो सर माथे। वैसे पार्टी ने चुनाव लडने की निर्धारित आयु सीमा के तहत मैं 75 साल की उम्र तक चुनाव लडने के लि *इलेजिबल* हूं। बेशर्ते पार्टी टिकट देंवें।
उन्होंने कहा कि सरकार रेडिमेड गारमेंट स्कीम ला रही जो भीलवाड़ा के लिए लाभदायक होगी। रेडिमेड गारमेंट आने के साथ ही वस्त्र नगरी के व्यापारियों का व्यवसाय परवान चढ़ेगा। उन्होंने बताया कि जो उधमी ज्यादा रोजगार देगा उसे सरकार प्राथमिकता देगी। बहेड़िया ने कहा कि रेडीमेड उधोग का भविष्य उज्जवल है।
उन्होंने बताया कि अजमेर कोटा वाया शाहपुरा रेल लाइन का सर्वे चल रहा हैं। उम्मीद हैं कि शीघ्र ही भीलवाड़ा वासी रेल से कोटा का सफर तय करेंगे। अजमेर रतलाम डबल रेल लाइन सर्वे चल रहा हैं। डबल लाइन होने से व्यापारियों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा हैं कि इस साल का बजट अमृत काल का सप्तऋषि बजट हैं। सरकार ने मुफ्त अनाज योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट भी बढ़ाया हैं। बजट में किसानों को कृषि ऋण के लिए बीस लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया हैं। इसमें पशुपालन, डेयरी और मछली पालन को भी शामिल किया गया हैं। आर्थिक विकास को गति देने के लिए आधारभूत ढांचे के विकास पर जिसमें सड़क, ट्रांसपोर्ट,रेल, हवाई अड्डा, बंदरगाह इत्यादि पर दस लाख करोड़ रुपए का प्रावधान हैं।
बहेडिया ने कहा कि यह चुनावी बजट नहीं देश के विकास का बजट हैं। भीलवाड़ा के प्रोसेस हाऊसों की ओर छोड़े जा रहे काले पानी के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस दिशा में काफी सुधार हुआ हैं। उनपहले ट्रीटमेंट प्लांट नहीं थे, लेकिन अब अधिकांश प्रोसेस हाउस में टीटमेंट प्लांट से *पानी री यूज* हो रहा। अब तो पानी सुखाने के उपकरण भी आ गए हैं।
– *स्वतंत्र पत्रकार*
– *पूर्व उप सम्पादक, राजस्थान पत्रिका भीलवाड़ा*
– *वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेस क्लब भीलवाड़ा*