बिजयनगर में तीन दिवसीय नानी बाई रो मायरो कथा का हुआ समापन, हजारों की संख्या में भक्तों व श्रद्धालुओं ने भाग लिया!
=======
बिजयनगर (रामकिशन वैष्णव) शहर में चल रहे तीन दिवसीय नानी बाई रो मायरो कथा का रविवार को मायरो भरने की रिस्म के साथ समापन हुआ! रविवार को शहर में नानी बाई रो मायरो मंडफिया से सांवरिया सेठ दर्जनों बैल गाडीयों में नरसी जी का मायरो गाजेबाजे, भजन कीर्तन, हरि बोल प्रभात फेरी के साथ शुरू हुआ, जो शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए निकला, जिसका विभिन्न संगठनों व समाज के पदाधिकारियों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया, कथा स्थल पर पहुंचने पर श्याम मित्र मंडल ने स्वागत किया! कथा में जया किशोरी जी ने नानी बाई रो मायरो कथा का वाचन करते हुए नरसी जी के जीवन प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि माता पिता का शादी ब्याह करना ही जिम्मेदारी नहीं है। उन्हें शिक्षित कर परिवार व समाज का निर्माण कर देश के विकास में योगदान दे सकें। प्रसिद्ध कथावाचिका जयाकिशोरी जी ने नानी बाई रो मायरो कथा में विभिन्न शब्दों का अलग अलग अर्थ समझाते हुए नरसी जी व नानी बाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए भाव विभोर होकर धार्मिक भजनों की प्रस्तुति पर उपस्थित महिला पुरुष धर्मावलंबी झूमते हुए धार्मिक लाभ उठाने लगे। श्याम मित्र मंडल बिजयनगर के तत्वावधान में आज नानी बाई रा मायरा मंडफिया से सांवलिया सेठ बैलगाड़ियों में भरकर गाजे बाजे के साथ इंद्रा मंच कथा स्थल पहुंचे। नानी बाई रो मायरो कथा श्रवण हेतु कथा पांडाल में धर्मावलंबियों की भारी भीड़ उमड़ी। शहर ही नहीं वरन आसपास क्षेत्र व दूसरे जिलों से भी लोगों ने कथास्थल पहुंचकर धार्मिक लाभ अर्जित किया।इस दौरान दुर दराज़ से धार्मिक व जनप्रतिनिधि, गणमान्यजन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं, भक्त जन मौजूद थे! वही पुलिस प्रशासन का व्यापक बंदोबस्त था!