एक दिन की दो घटनाओं से प्रदेश और देश में सनसनी, सीपी जोशी को अध्यक्ष बनाकर मेवाड़ की राजनीति और ब्राम्हण बोटों को साधने की कोशिश! तो राहुल को दो साल की सजा पर बिफरे गहलोत! राहुल की सांसद सीट को खतरा?
मोनू सुरेश छीपा।खबर का असर
राजस्थान भीलवाड़ा
आज 23 मार्च को दो बड़ी घटना होने से राजस्थान की राजनीति के साथ ही देशभर में पिछली घटनाओं का ध्यान भटका कर अब राजस्थान में सांसद सीपी जोशी को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने राहुल गांधी को 4 साल पुराने एक मामले में कोर्ट द्वारा 2 साल की सजा सुनाये जाने के फैसले के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेजी से बढ़ गई है। नतीजा यह कि कल तक चल रहे विभिन्न मुद्दे आज के मुद्दों के बाद गौण हो गए। चित्तौड़ के सांसद सीपी जोशी को आज जैसे ही राजस्थान प्रदेश का बीजेपी का अध्यक्ष मनोनीत करने की खबरें सामने आने लगी कई कयास लगाए जाने लगे। लेकिन में आपको बता दूं एक दिन पहले ही सीपी जोशी ने अपने क्षेत्र के लोगों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में भेंट की थी।मगर मुलाकात चर्चा में न होने से यह किसी को अंदाज नहीं हो सका की जोशी को बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है। दरअसल भाजपा के वरिष्ठ और कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया के असम का राज्यपाल बना दिए जाने के बाद से ही मेवाड़ की राजनीति में किसी कद्दावर नेता की खोज की जा रही थी। बताया जाता है कि मेवाड़ चुनाव में जो दल अधिक सीटें प्राप्त करता है वह सत्ता के द्वार पर खड़ा हो जाता है। इसी को ध्यान में रखकर शायद सीपी जोशी को यह चुनौती भरा जुम्मा सौंपा गया है।। जोशी के अध्यक्ष बनने के बाद उनके पैतृक गांव भादसोड़ा में जश्न का माहौल है।। भाजपा के जिम्मेदार नेताओं का सोच रहा कि ऐसे चेहरे को सामने लाया जाए जिसकी ग्रास रूट पर बड़ी पकड़ हो और ग्रास रूट में सीपी जोशी को उपयुक्त पाए जाने के चलते ही उन्हें अध्यक्ष बना दिया गया। जोशी को अध्यक्ष बना कर भाजपा ने मेवाड़ क्षेत्र के राजनीतिक हित और प्रदेश के ब्राह्मणों के वोट साधने की कोशिश की है।। दूसरा मुद्दा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से जुड़ा है जहां नरेंद्र मोदी के सरनेम को लेकर मानहानि के एक मामले में आज सूरत के सेशन कोर्ट ने उन्हें दोषी करार करते हुए 2 साल की सजा सुना दी। यह खबर आग की तरह फ़ैल जाने के बाद कॉन्ग्रेस के नेताओं ने जमकर गुबार निकाला है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है जहां खुलकर सीबीआई, ईडी, आईटी और इ सी का खुलकर दुरुपयोग किया जा रहा है।। ऐसे ही आरोप पीसीसी चीफ डोटासरा ने भी लगाए हैं। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि हम न्यायालय का सम्मान करते हैं लेकिन इस फैसले के विरोध में सक्षम न्यायालय के पास जाएंगे। दरअसल 2018 के चुनाव में राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक चुनाव सभा में नरेंद्र मोदी, ललित मोदी और नीरज मोदी का नाम लेते हुए इन्हें चोरों की पार्टी बताया था जिसको लेकर गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का दावा किया था जिस पर यह फैसला आज आया। सेशन कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई मगर न्यायालय ने उन्हें 1 माह का समय देते हुए 15000 की मुचलके पर छोड़ने का आदेश दिया। हालांकि खुद राहुल ने न्यायालय को बताया कि उन्होंने ऐसा कोई अपराध नहीं किया। विधि से जुड़े लोगों का मानना है कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में 2 साल की सजा सुनाए जाने पर आजम खान की विधायकी समाप्त कर दी गई उसी तरह अब राहुल की सांसद की सीट भी खतरे में बताई है। यह भी उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी के विदेश में दिए गए बयान को लेकर संसद में लंबे समय से विवाद चल रहा है राहुल गांधी ने भी स्पीकर से कहा कि एक बार उन्हें बोलने का मौका दिया जाए। कुल मिलाकर आज की दो घटनाओं ने पिछले मुद्दों को भुलाकर देश और प्रदेश में नई चर्चाओं का मौका दे डाला!