*प्रदेश में घोषित नए जिलों में फिर शुरू होगा सीमांकन का काम*
जयपुर।प्रदेश के 15 जिलों में नवंबर-दिसंबर माह में पंचायत और जिला परिषद के चुनाव प्रस्तावित हैं। इसी बीच नए जिलों में भी पंचायत और जिला परिषद चुनाव को लेकर मशक्कत चल रही है। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की ओर से विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले गठित किए गए 19 जिलों में भी पहली बार पंचायत और जिला परिषदों के चुनाव होने हैं। ऐसे में पंचायत राज विभाग ने इन जिलों में नई पंचायतों और जिला परिषदों के सीमांकन को लेकर कवायद शुरू कर दी थी। हालांकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते इस कवायद पर विराम लग गया। आचार संहिता हटने के बाद फिर से जिला परिषदों के सीमांकन का काम शुरू होगा।
*नए जिलों में कौन से क्षेत्र आएंगे उनका होगा सीमांकन*
दरअसल नए जिलों में पंचायतों, पंचायत समितियां और जिला परिषदों के गठन से पहले कौन-कौन से क्षेत्र शामिल किए जाएंगे उसका सीमांकन होगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर सीमांकन समय पर हो जाता है तो पुराने जिलों के साथ ही नए जिलों में जिला परिषदों और पंचायतों के चुनाव कराए जा सकते हैं। यदि सीमांकन में देरी होती है तो फिर अगले साल ही चुनाव होंगे।
*नवंबर-दिसंबर में इन जिला परिषदों में होने चुनाव*
नवंबर-दिसंबर माह में अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, झुंझुनूं, पाली, सीकर, सिरोही और टोंक नगर परिषद के चुनाव होंगे।
*ये हैं 19 नए जिले*
बालोतरा, ब्यावर, अनूपगढ़, डीडवाना (कुचामन), डीग, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली (बहरोड़), खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूंबर, सांचोर, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, शाहपुरा ।
एक संशय ये भी
प्रदेश में पिछली कांग्रेस सरकार ने नए जिलों की घोषणा की थी। कुछ जिलों की घोषणाओं को लेकर सवाल भी उठे थे। विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई। अब ब्यूराक्रेसी में यह संशय भी बना हुआ है कि सभी नए जिलों के सीमांकन का काम शुरू हो या कुछ जिलों को छोड़ दिया जाए। इस बारे में आचार संहिता हटने के बाद अधिकारी उच्च स्तर से मार्गदर्शन भी लेंगे।