
*भीलवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न विषयों पर विधायक कोठारी ने सदन में रखी मांग*
✍️ *मोनू नामदेव।द वॉयस ऑफ राजस्थान 9667171141*
भीलवाड़ा। शहर विधायक अशोक कोठारी ने बजट अनुदान मांग सं. 39 एवं 40 नगरीय विकास एवं आवासन और स्वायत्त शासन पर बोलते हुए वाल्मिकी समाज की कठिन सेवा को नमन करते हुए कहा कि सफ़ाई भर्ती में इनको प्राथमिकता दी जाए क्योंकि इनका अनुभव ही इनकी विरासत है।
बजट में भीलवाडा को ग्रीन एंड ग्रीन-इको सिटी की सौगात देने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री दिया कुमारी एवं समस्त मंत्री मंडल का आभार व्यक्त किया और कहा कि इससे शहर स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित होगा।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी 78 वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में कहा था की देश का ध्यान अब ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन जॉब्स पर है, जो पर्यावरण संरक्षण में योगदान करते हुए रोजगार के अवसर पैदा करेंगे और भारत वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य के दृष्टिकोण के बीच संतुलन बनाए रखते हुए पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के लिए एक स्पष्ट रोडमैप के साथ आगे बढ़ रहा है।
निकायों की मुख्य समस्या जिसमें स्वच्छता, साफ-सफाई और कचरा निस्तारण हेतु डम्पिंग यार्ड, प्रोसेसिंग प्लांट, बॉयलर प्लांट, ठोस कचरा संग्रहण आदि की घोषणा हुई है। स्वच्छता की ओर एक अग्रिम कदम है, जो सरकार के हरित बजट और प्रधानमंत्री की पर्यावरण संरक्षण की परिकल्पना को साकार करता है।
विगत वर्षों में भीलवाड़ा शहर राजस्थान में सबसे तीव्रतम गति से विकास करने वाला औद्योगिक एवं व्यावसायिक केन्द्र बनकर ऊभरा है और जो देश के सबसे बडे टेक्सटाइल केन्द्रों में से एक है। जहाँ पर नगर विकास न्यास एवं पिछले बजट में हमें नगर परिषद् से नगर निगम की सौगात प्राप्त हुई थी, भीलवाड़ा के आधारभूत विकास हेतु अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष की बात कही।
शहर रेलवे पटरी के पूर्व और पश्चिम दो हिस्सों में विभाजित है। जिला मुख्यालय होने के कारण अत्यधिक यातायात दबाव और रेलवे फाटक के बंद होने से प्रतिदिन व्यक्ति जाम में फंसा रहता है और कई बार तो दुर्घटनाएं भी होती है। शहर की जनता की वर्षों पुरानी मांग शहर हेतु एक एलिवेटिड रोड मय आरओबी प्रदान की जाये तो यह शहर को गतिशील बनाये रखने में मदद करेगा।
वर्ष 2011 में जिंदल सॉ लिमिटेड द्वारा तत्कालीन नगर परिषद से किये गये अनुबंध में गंदे पानी की एवज में रामधाम स्थित आरओबी निर्माण की शर्त रखी गई थी, किंतु कालांतर में माननीय एनजीटी न्यायालय द्वारा व अन्य कारणों से इतने वर्षों में जो आरओबी का निर्माण नहीं हो पाया। उस हेतु आपसे अनुरोध है कि अनुबंध अनुसार अंतिम निर्णय राज्य सरकार का होगा, त्वरित कार्यवाही करते हुए जिंदल सॉ लि. को शर्तानुसार आरओबी निर्माण हेतु बाध्य किया जाए।
शहर में नगर विकास न्यास द्वारा स्पोर्ट्स हेतु 6 लाख 20 हजार स्क्वायर फिट आरक्षित भूमि है जिस पर एक अत्याधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण होने से शहर ही नहीं आसपास के क्षेत्रों के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।
भीलवाडा नगर की आबादी विस्तार हेतु कोई वृहद प्लानिंग तैयार नही की गई है। आगामी 20 वर्षों की जनसंख्या के विस्तार को ध्यान में रखते हुए एक शहर हेतु एक वृहद हाईटैक सिटी जिसका नामांकरण श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर तैयार हो, साथ ही शहर से गुजरने वाली कोठारी नदी के रिवर फ्रंट को विकसित कर शहर के सौंदर्याकरण को भी बढाया जा सकता है।
शहर की मुख्य आवश्यकता सफाई, स्वच्छता और सुनियोजित विकास है, स्वच्छता रैंकिंग में भीलवाड़ा पिछड़ा हुआ है। अस्थाई कचरा केन्द्र एवं डम्पिंग यार्ड में प्रोसेस क्षमता से अधिक कचरा संग्रहण होना और सम्पूर्ण कचरे की प्रोसेस नहीं होने से लेगेसी वेस्ट का बढ़ना और उन कचरों के ढेर में आये दिन आग लगती है, जहरीला धुआँ आसपास के क्षेत्रों में फैलता है, विगत कई वर्षों से भीलवाड़ा की मुख्य समस्या स्वच्छता है, जिसका जल्द समाधान किया जाए,
राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी 2010 के विषय मे बोला कि, निजी कॉलोनी को विकसित करने पर शहरी निकाय द्वारा कुछ पट्टे रिजर्व रख लिए जाते हैं और कॉलोनाइजर द्वारा सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर कम्प्लीशन सर्टिफिकेट के उपरांत ही निकाय द्वारा शेष रिजर्व पट्टे जारी करने का प्रावधान है, लेकिन शहरी निकायो द्वारा निजी कॉलोनियों में बिना आधारभूत सुविधाओं के विकसित किए सम्पूर्ण पट्टे जारी किये जा रहे हैं, परिणामतः कॉलोनाइजर प्लॉट बेचकर फ्री हो जाता है और समस्या कॉलोनीवासियों को हो रही है जो कि भीलवाड़ा की निजी कॉलोनि वासियों की एक गंभीर समस्या है और मोटी राशि देने के बावजूद निजी कॉलोनीवासी आधारभूत सुविधाओं से वंचित है। सरकार का इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा की सम्पूर्ण पट्टे जारी होने के उपरांत शहरी निकाय उक्त कॉलोनीयो को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराये, जिससे कि कॉलोनीवासी बिना किसी परेशानी के शांन्तिपूर्ण तरीके से निवास कर सकें।
कच्ची बस्तियों में निवासरत व्यक्तियों को लम्बे समय से पट्टे नहीं मिल पा रहे है। “प्रशासन शहरों के संग” अभियान तहत नगर परिषद भीलवाड़ा द्वारा अपने क्षेत्र की सीमा में स्थित कच्ची बस्तियों में निवासरत व्यक्तियों को पट्टे देने हेतु धारा 69 (क) के तहत आवेदन जमा करा आम सूचना भी समाचार पत्र में प्रकाशित करवाई गई थी परंतु आज दिनांक तक इन कच्ची बस्तियों में निवासरत गरीब व्यक्तियों को पट्टे नहीं प्राप्त होने से यह लोग बहुत ही निराशा में जीवन जी रहे हैं। इसके साथ ही योजना क्षेत्र एवं कच्ची बस्तियाँ जो डिनोटिफाइड घोषित हो चुकी हैं, उसमें भी कई परिवार पट्टे हेतु चक्कर लगा रहे हैं पर पट्टे जारी नहीं हो रहे हैं। मुख्यमंत्री से कहा कि भीलवाड़ा शहर में जितनी भी कच्ची बस्तियाँ हैं उनमें निवासरत परिवारों को एवं योजना क्षेत्र में भी निवासरत पट्टाविहीन परिवरों को सरकार अभियान के रूप में लेकर सभी व्यक्तियों को आवासीय पट्टे जारी कराएं।
विधानसभा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा की अनुदान मांगों पर बोलते हुए कहा कि शहर में पटरी पार वासियों को चिकित्सा सुविधा आसानी से उपलब्ध हो और भीलवाडा शहर में टर्शियरी कैंसर केयर सेंटर मय सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण मेडिसिटी में हो इस हेतु अपनी पुरजोर मांग विधानसभा में रखी। मेडिसिटी में राजकीय चिकित्सालय के लिए 4 लाख 50 हज़ार स्क्वायर फ़ीट भूमि आरक्षित करवा दी गयी है। अगर सरकार इस हेतु घोषणा करे तो भीलवाड़ा के भामाशाहों के योगदान से पीपीपी मोड पर अस्पताल की बिल्डिंग बनवा दी जाएगी,इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया
जिला महात्मा गांधी चिकित्सालय में वर्तमान में 750 बेड चल रहे है। सभी बेड फुल रहने से कई बार मरीजो को बेड के अभाव में इंतजार करना पड़ता है। चिकित्सालय में गेस्ट्रो, हार्ट न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, कार्डिक सर्जरी व कैंसर केयर यूनिट की कमी के चलते मरीजो को जिले से बाहर चिकित्सालय में जाना पड़ रहा है।नर्सिंगकर्मियों के सभी पद भरने एवं मेडिकल उपकरणों की कमी के चलते जांच रिपोर्टों में हो रही देरी को देखते हुए, जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए सी.टी स्कैन,एमआरआई और सोनोग्राफी मशीन और उपलब्ध कराई जाए और इसके लिए नवीन पद भी सृजित किए जाएं। सी.टी. स्कैन मशीन तो हॉस्पिटल को राजमेश के माध्यम से उपलब्ध करवाना था लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं करवाया गया है। साथ ही अत्याधुनिक कैथ लैब की सुविधा नहीं होने से मरीजों को निजी चिकित्सालयों में हृदय संबंधी ऑपरेशन कराने पड़ रहे हैं, वर्तमान में सरकार द्वारा इस हेतु एक डॉक्टर का पदस्थापन भी किया गया था पर संसाधन के आभाव में उनके द्वारा अभी तक ज्वाइन नहीं किया गया। केथ लैब हेतु पूर्व सरकार के समय घोषणा की गयी थी पर आज तक उक्त मशीन प्राप्त नहीं हुई है, भीलवाडा को एक केथ लैब प्रदान की जाये ताकि आम आदमी को हृदय संबंधी ऑपरेशन हेतु निजी चिकित्सालयों के चक्कर नहीं काटने पड़े।
भीलवाडा में राजमाता विजया राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज में छात्रावास में फ़र्नीचर की व्यवस्था नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज के बाहर रहना पड़ रहा है, छात्रावास में शीघ्र अतिशीघ्र फर्नीचर की व्यवस्था की जाये जिससे विद्यार्थी छात्रावास का उपयोग कर सके और उन्हें मेडिकल कॉलेज के बाहर अतिरिक्त राशि खर्च कर न रहना पड़े। इसी के साथ मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की भी बहुत कमी है, जिसमे विशेष रूप से फार्माकोलॉजी और ऑडियोलोगिस्ट और स्पीच थेरेपिस्ट जैसे संकाय में तो एक भी पद भरा हुआ नहीं है और कॉलेज में लाइब्रेरी बुक्स के आभाव में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है इस हेतु निवेदन है कि सरकार इस ओर ध्यान देते हुए कॉलेज में रिक्त पदों पर जल्द से जल्द भर्ती करे और कॉलेज में बुक्स उपलब्ध करवाए।