*सरकारी सुविधाएं मंजूर, बिल नामंजूर*…….
*”पर” कतरने के डर से विरोधस्वरूप 11 को नहीं करेंगे मरीज़ों का इलाज*
– *सुशील चौहान*
भीलवाड़ा। सरकारी नौकरी में मोटी तनख्वाह लेकर, ओर वही से *फेम्* होकर प्राइवेट अस्पताल खोलकर दाम कमाने वाले *सेकंड गॉड यानी धरती के भगवान* 11 तारीख को मरीज़ों का इलाज नही करेंगे। ये इसलिए नाराज़ है क्योंकि सरकार *राइट टू हेल्थ बिल* लाकर मरीज़ों के हित में चिकित्सकों के *पर* कतरने जा रही है। कोई *सरकारी सेवा से प्रसिद्ध* होकर तो कोई *सरकारी सुविधाओं* का लाभ लेकर निजी अस्पताल के जरिये मोटी ओर मनमानी फीस वसूलने के हकदार बन बैठे चिकित्सकों को *सरकारी बिल का फरमान रास* नहीं आ रहा। लिहाज़ा नाराज़ डॉक्टर शनिवार को अपना *चिकित्सकीय धर्म* नहीं निभाएंगे। इस बात का ऐलान शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जिला शाखा ने बाकायदा प्रेस वार्ता कर किया है। नाराज़ चिकित्सकों का कहना है कि सरकार ने बिल बनाने से पहले उनसे राय मशविरा नहीं किया। बिल में *उनके मुताबिक* सुधार होने चाहिए। पत्रकार वार्ता में चिकित्सक अपनी पीड़ा बता रहे थे लेकिन जब उनसे पूछा कि अनेक मामलों में सरकार से औने पौने दामों में जमीन आंवटित करवा कर बेच देने और सेवा धर्म नहीं निभाने पर क्या कहेंगे तो सभी की बोलती बंद थीं। सब एक दूसरे की बगलें झांकने लगे। सवाल पूछते ही उन्होंने लगा कि यह तो उनकी *दु:खती नस* पर हाथ रख दिया। उन्होंने सफाई देनी चाहिए लेकिन उनसे बोलते नहीं बन रहा था। जब उनसे पूछा कि सरकार बिल वापस नहीं लेती हैं तो उनके प्रेस रिलीज में लिखे *पलायन* करने की बात पर अमल करेंगे तो वो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए ।बस इतना ही कहा कि कुछ लोग पलायन कर गए। जब उनसे जाना आप सभी अपने अपने बड़े-बड़े चिकित्सीय प्रतिठान बंद कर *पलायन* करोंगे तो सब *चुप* हो गए। आखिर सरकार से *वो* क्या चाहते हैं तो बोले राइट टू हेल्थ बिल में उनके *मनमाफ़िक* संशोधन करें तो फिर वो बिल का *विरोध कतई* नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि *सरकार जनता के वोट बटोरने* के लिए यह बिल ला रही हैं।
*खैर* धरती के भगवानों को जनता की भलाई के लिए सरकार की ओर से लाया जा रहा राइट टू हेल्थ का बिल *गले नहीं उतर* रहा हैं। अब देखें आगे क्या होगा। इस मौके पर आई एम भीलवाड़ा के अध्यक्ष डॉ कैलाश काबरा, सचिव डॉ हरीश मारू, डॉ जी के मिश्रा,आर एस सोमानी, फरियाद मोहम्मद, शीतल अजमेरा, नीरज जैन, प्रशांत आगाल, अतुल हेड़ा आदि मौजूद थे।
– *स्वतंत्र पत्रकार*
– *पूर्व उप सम्पादक, राजस्थान पत्रिका, भीलवाड़ा*,
– *वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रेस क्लब भीलवाड़ा*