*श्रद्धालुओं में छाया श्रद्धा का ज्वर, श्रद्धालु उमड़े श्रद्धा के सैलाब में*
*श्रृद्धा व आस्था के 5 दिवसीय महाकुंभ का समापन*
*225मंगल कलश के साथ निकली संतों की शोभायात्रा*
*सजाए तोरणद्वार किया स्वागत*
*छात्र-छात्राओं ने शिक्षा, ज्ञान व शांति का दिया संदेश:*
✍️ *मोनू सुरेश छीपा*
*द वॉइस आफ राजस्थान*
शाहपुरा- अंतराष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के संस्थापक आद्याचार्य स्वामी रामचरण महाराज के 225वें निर्वाण महोत्सव पर आयोजित विशाल सन्त समागम एवं श्रृद्धा व आस्था के 5 दिवसीय महाकुंभ का समापन मंगलवार को हुआ।
श्रद्धा व आस्था के इस महाकुम्भ में श्रधालुओं में श्रद्धा का ज्वर इस तरह छाया कि देश के कोने कोने से श्रद्धलुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। पांच दिवसीय इस महोत्सव में प्रातः साढ़े 4 बजे मंगलाचार आरती से लेकर दिन में रामनिवासधाम में आयोजित हुए कई कार्यक्रमों सहित रात्रि में धर्मकथा पंडाल में सम्प्रदाय के पीठाधीश आचार्य राम दयाल के मुखारबिंद द्वारा दिये प्रवचनों को श्रद्धलुओं ने सुना।
*225 मंगल कलश के साथ निकाली शोभायात्रा:-* मंगलवार को रियासतकालीन परंपरा निभाते हुए शाहपुरा राजपरिवार के जयसिंह उनकी पत्नी मांडवी सिंह ने वाणीजी की आरती कर वाणीजी की शोभायात्रा को सुदर्शन स्टेडियम, महलों के चौक से गाजेबाजों के साथ रामनिवासधाम की ओर रवाना की। इस महायात्रा में 225 महिलाएं एक जैसे परिधानों में सजकर माथे पर फूल, मालाओं से सजे मंगल कलश लेकर यात्रा में शामिल हुई।
*शिक्षा, ज्ञान व शांति का दिया संदेश:-* शोभायात्रा में राम चरण विद्यापीठ, रामस्नेही संस्कृत विद्यालय के सैंकड़ों छात्र छात्राएं हाथों में सम्प्रदाय के सजे पताके लहराते, हाथों में तख्तियां लेकर चलते हुए जय घोष करते हुए शिक्षा, ज्ञान व शांति का संदेश रहे थे।
*सन्तों का हुआ समागम:-* इस महा कुम्भ में देश के कोने कोने में स्थित सम्प्रदाय के रामद्वारे के कई सन्त शामिल हुए। शोभायात्रा में संतों की उपस्थिति शोभायात्रा की शोभा बढा रही थी। शोभायात्रा मार्गो पर तोरण द्वार सजाते हुए श्रधालुओं ने शोभायात्रा व सन्तों स्वागत किया। शोभायात्रा रामनिवासधाम पहुंचने पर आचार्य रामदयाल ने भी सूरजपोल झरोखे में खड़े शोभायात्रा व सन्तों का स्वागत किया।
*आद्याचार्य रामचरण महाराज के जीवन पर प्रकाश उखेरा:-* धर्मपण्डाल में पीठाधीश रामदयाल व कई विद्वान संतों ने इस पीठ के संस्थापक आद्याचार्य रामचरण महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला, श्रद्धालुओं को आद्याचार्य के वचनों को आत्मसात करने कहा।
*सम्मान समारोह आयोजित:-* समापन की पूर्व संध्या पर रामनिवासधाम द्वारा रात्रि कथा पंडाल में आचार्य रामदयाल ने 5 दिवस तक इस महाकुम्भ में सेवा देने वाले सेवादारों, सज्जनों तथा बाहर से आये सन्तों को साल ओढाकर सम्मान करते हुए आशीष वचन कहे।
*अन्नक्षेत्र में पाया प्रसाद:-* श्रद्धा के इस सैलाब में उमड़े हजारों श्रधालुओं ने धाम द्वारा चलाये गये अन्नक्षेत्र में पंगत प्रसादी ग्रहण की।